सुखना कैचमेंट में रह रहे लोगों की मांग पर पंजाब सरकार सहित केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस

सुखना कैचमेंट एरिया में किसी भी किस्म के निर्माण कार्य बिजली और पानी के कनेक्शन जारी करने पर हाई कोर्ट की रोक के चलते यहां के निवासी काफी परेशान है और अब निवासियों ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर बताया कि यहां की सड़कें खराब हो चुकी हैं बिजली-पानी और सीवर की समस्या है ऐसे में इन्हे ठीक किए जाने की इजाजत दी जाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:40 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:40 AM (IST)
सुखना कैचमेंट में रह रहे लोगों की मांग पर पंजाब सरकार सहित केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस
सुखना कैचमेंट में रह रहे लोगों की मांग पर पंजाब सरकार सहित केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : सुखना कैचमेंट एरिया में किसी भी किस्म के निर्माण कार्य, बिजली और पानी के कनेक्शन जारी करने पर हाई कोर्ट की रोक के चलते यहां के निवासी काफी परेशान है और अब निवासियों ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर बताया कि यहां की सड़कें खराब हो चुकी हैं, बिजली-पानी और सीवर की समस्या है, ऐसे में इन्हे ठीक किए जाने की इजाजत दी जाए। जस्टिस जसवंत सिंह एवं जस्टिस हरिदर सिंह सिद्धू की खंडपीठ ने इस अर्जी पर पंजाब सरकार सहित केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन को 29 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। बता दें कि हाई कोर्ट सुखना कैचमेंट एरिया में लिए संज्ञान का निपटारा करते हुए 2 मार्च 2020 को आदेश दिए थे कि सर्वे ऑफ इंडिया के नक्शे में जिस जगह को कैचमेंट एरिया तय किया है, उस पूरे एरिया में हुए सभी निर्माणों को गिराए जाने के आदेश दे दिए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि जिन्होंने यहां निर्माणों की स्वीकृति ली हुई थी उन्हें पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ पास ही किसी अन्य वैकल्पिक जगह पर बसाया जाएगा और इन सभी को 25-25 लाख रुपये मुआवजा भी सम्बंधित सरकारों को देना होगा।

हाई कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की मांग को लेकर पंजाब सरकार सहित यहां के निवासियों ने अर्जी दायर कर दी थी। हाई कोर्ट ने गत वर्ष 18 दिसंबर को इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए 2 मार्च को सुखना कैचमेंट एरिया के मामले में सर्वे ऑफ इंडिया के नक्शे के भीतर के सभी निर्माण कार्य गिराए जाने के जो आदेश दिए थे, उन आदेशों पर रोक लगा दी थी, साथ ही आदेश दे दिए थे कि अब इस एरिया में आगे किसी भी किस्म के निर्माण कार्य, बिजली, पानी आदि के कनेक्शन दिए जाने से पहले हाई कोर्ट की इजाजत लेनी होगी

अब यहां के निवासियों ने हाई कोर्ट को बताया कि पुनर्विचार याचिका पर 18 मार्च को सुनवाई होनी थी लेकिन कोरोना के चलते लगातार सुनवाई स्थगित हो रही है। अब इस याचिका पर नवंबर में सुनवाई होनी है लेकिन इस दौरान यहां की सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी है, बिजली-पानी और सीवर की समस्या है। जब उन्होंने इसकी शिकायत सम्बंधित अथॉरिटी से की तो अथॉरिटी का कहना है कि इस पर हाई कोर्ट की रोक है। ऐसे में वह बिना हाई कोर्ट की इजाजत के कुछ नहीं कर सकते हैं लिहाजा अब यहां के निवासियों ने अपनी मांग और परेशानियों को लेकर हाई कोर्ट से गुहार लगाई है। जिस पर हाई कोर्ट ने पार्टीवादी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

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