पूर्व सैनिक की विधवा की याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस, 50 लाख रुपये अनुदान की है मांग
पंजाब के गांव फतेहगढ़ की रहने वाली पूर्व सैनिक की विधवा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। महिला का कहना है कि उसके पति 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान स्थायी रूप से अक्षम हो गए थे। उन्हें अनुदान मिलना था जो अभी तक नहीं दिया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व सैनिक की 80 साल की विधवा की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार और निदेशक रक्षा सेवा कल्याण को पहली मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट की जस्टिस रेखा मित्तल ने यह नोटिस मालेरकोटला तहसील के गांव फतेहगढ़ की रहने वाली स्वर्ण कौर की याचिका पर जारी किया है।
याचिका में महिला ने 50 लाख रुपये अनुदान की मांग की है। महिला ने कोर्ट को बताया कि उसके पति लांस नायक मुकंद सिंह 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान स्थायी रूप से अक्षम हो गए थे। फरवरी 2002 में उनकी मृत्यु हो गई। अपने जीवन काल के दौरान उनके पति ने पूर्व सैनिक के नाते नियमों के तहत दस एकड़ जमीन के आवंटन के लिए आवेदन किया था। सरकार ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया था। इस दौरान उनके पति की मौत हो गई। खेती की भूमि की अनुपलब्धता के कारण राज्य सरकार ने 2016 में एक अधिसूचना जारी कर 50 लाख रुपये का अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया।
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कोर्ट को बताया गया कि 2017 और 2018 के दौरान रक्षा सेवा कल्याण विभाग ने 1962 (भारत-चीन युद्ध) और 1965,1971 (भारत-पाकिस्तान युद्ध) के दौरान स्थायी रूप से अक्षम सात सैनिकों अनुदान जारी किया, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया। स्वर्ण कौर ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि अधिकारियों ने उन्हें मौखिक रूप से अवगत कराया है कि एक सैनिक की विधवा इस तरह के अनुदान का दावा नहीं कर सकती। इस पर उन्होंने याचिका दायर की।
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