चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के गले की फांस बने कंप्यूटर टीचर्स, नौकरी से निकालने और वेतन न देने पर नोटिस जारी

सेंट्रल एडमिनिस्ट्रिव ट्रिब्यूनल बैच (कैट) ने चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को अवमानना नोटिस जारी किया है। यह नोटिस शहर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत कांट्रेक्ट कंप्यूटर टीचर्स को नौकरी से निकाले जाने और उन्हें चार माह का वेतन न दिए जाने को लेकर जारी किया गया है।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 02:17 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 02:17 PM (IST)
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के गले की फांस बने कंप्यूटर टीचर्स, नौकरी से निकालने और वेतन न देने पर नोटिस जारी
कैट द्वारा चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को अवमानना नोटिस जारी किया गया है।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कंप्यूटर टीचर्स चंडीगढ़ शिक्षा विभाग (Chandigarh education department) के गले की फांस बनते नजर आ रहे हैं। शिक्षा विभाग के 114 सरकारी स्कूलों (Govt school) में करीब 45 सौ टीचर्स (School teachers) है, जिनमें 155 कंप्यूटर टीचर हैं।

कंप्यूटर टीचर्स को काम से निकाले जाने और अब टीचर्स का चार महीनों का वेतन नहीं देने के लिए शिक्षा विभाग काे अवमानना नोटिस जारी हुआ है। काम से निकाले जाने पर पहला अवमानना नोटिस विभाग को अक्टूबर 2020 को, जबकि दूसरा 6 जनवरी 2021 को जारी हुआ है। उल्लेखनीय है कि शहर के स्कूलों में कंप्यूटर टीचर्स की नियुक्ति वर्ष 2003 और 2004 में की गई थी।

एफिडेविड देने के बाद भी मुकरा विभाग

वर्ष 2013 में शिक्षा विभाग ने कांट्रेक्ट पर काम करने वाले कुछ टीचर्स को निकाला था जिसके जबाव में विभाग ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रिव ट्रिब्यूनल बैच (कैट) में लिखित में एफिडेविड देकर स्वीकार किया था, कि जब तक कांट्रेक्ट कंप्यूटर टीचर्स के स्थान पर रेगुलर भर्ती नहीं होती, टीचर्स को काम से नहीं हटाया जाएगा। बावजूद एक अक्टूबर को शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल को मौखिक आदेश देते हुए प्रिंसिपल के आदेशों से कंप्यूटर टीचर्स को काम से रिलीव कर दिया। इसके बाद टीचर्स ने कैट की शरण ली। कैट ने वर्ष 2013 में दिए गए एफिडेविड को लेकर विभाग को अवमानना नोटिस जारी किया है और जबाव मांगा है, जिसका केस अभी चल रहा है।

काम कराया लेकिन नहीं दिया वेतन

एक अक्टूबर को काम से निकाले गए टीचर्स का विवाद जून 2020 में उस समय शुरू हुआ जब जेम पोर्टल के जरिये टीचर्स से काम कराने वाले कांट्रेक्टर बदला गया। टीचर्स ने बदले हुए कांट्रेक्टर पर आरोप लगाया कि उनसे काम पर बने रहने के लिए पैसों की डिमांड की जा रही है। विभाग ने कांट्रेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और टीचर्स की सैलरी रोक दी। जून से सितंबर 2020 तक टीचर्स से काम लिया और उसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया। पहले टीचर्स से काम से निकाले जाने वाले मामले में कैट में केस फाइल किया था उसके साथ ही दूसरा केस वेतन को लेकर डाला गया। इसकी सुनवाई करते हुए कैट ने शिक्षा विभाग को 21 अक्टूबर को काम किए हुए चार महीनों का वेतन जारी करने के निर्देश दिए। दो महीनों तक वेतन नहीं जारी हुआ तो टीचर्स ने दोबारा कैट में गुहार लगाई और कैट ने अब विभाग को दूसरा नोटिस जारी कर दिया है।

विभाग के आला अधिकारियों के पास नहीं कोई जबाव

दूसरा अवमानना नोटिस जारी होने पर जब डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन रूबिंदरजीत सिंह बराड़ से बात की गई तो उन्होंने मामले पर कोई पुख्ता जबाव देने के बजाय कहा कि मैं मामले पर विचार कर रहा हूं। जल्द ही मामले का समाधान किया जाएगा।

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