अस्थायी सिख म्यूजियम को तोडऩे के लिए गमाडा ने भेजा नोटिस

बलौंगी में संचालित अस्थायी सिख म्यूजियम को अतिक्रमण मानकर उसे तोडऩे के लिए गमाडा की ओर से नोटिस जारी किया गया है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 02:18 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 02:45 PM (IST)
अस्थायी सिख म्यूजियम को तोडऩे के लिए गमाडा ने भेजा नोटिस
अस्थायी सिख म्यूजियम को तोडऩे के लिए गमाडा ने भेजा नोटिस

जासं, चंडीगढ़ : बलौंगी में संचालित अस्थायी सिख म्यूजियम को अतिक्रमण मानकर उसे तोडऩे के लिए गमाडा की ओर से नोटिस जारी किया गया है। उधर, म्यूजियम के लिए स्थायी जगह की लगातार मांग के बावजूद सरकारी स्तर इसे अनसुना करने से खफा आर्टिस्ट परमिंदर सिंह ने आंदोलन की राह अपनाई है। परमिंदर सिंह ने बुधवार को म्यूजियम के पास धरना शुरू कर दिया। इस बीच सिख जत्थेबंदियों ने भी धरने का समर्थन किया है।

उनका आरोप है कि कई बार मांग के बाद भी सरकारी स्तर से म्यूजियम के लिए स्थायी जगह मुहैया नहीं कराई गई। इसके लिए मंत्रियों से लेकर प्रशासन के अधिकारियों से भी पिछले दो साल से लगातार मांग की जा रही थी। हालांकि सरकारी स्तर से इसके लिए आश्वासन जरूर दिया गया।

मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पिछले दिनों किया था दौरा

आरोप है कि हाल ही में पशु पालन मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने भी म्यूजियम का दौरा किया था। उन्होंने कहा था कि कलाकार को पक्की जगह मुहैया करवाई जाएगी, लेकिन कुछ नहीं किया गया। उधर, परमिंदर सिंह ने कहा कि जब तक उन्हें सरकार की ओर से पक्की जगह मुहैया नहीं करवा दी जाती वे इसी तरह से धरने पर बैठे रहेंगे। वहीं सिख जत्थेबंदियों का कहना है कि परमिंदर की मांग जायज है।

म्यूजियम पिछले कई वर्षों से संचालित है

मोहाली के सेक्टर-57 के पास बलौंगी की पंचायती जमीन पर परमिंदर सिंह पिछले कई वर्षों से अस्थायी म्यूजियम चला रहे हैं। परमिंदर का कहना है कि इसके जरिये सिख विरासत से संबंधित कई कलाकृतियां व मूर्तियां बनाकर नई पीढ़ी को सिख इतिहास से रूबरू करवा कराया जा रहा है। पंजाब सरकार द्वारा म्यूजियम को पक्की जगह अलॉट न किए जाने के चलते ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की ओर से म्यूजियम को खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है।

मामूली स्कूटर मैकेनिक ने खुद के प्रयास से स्थापित किया म्यूजियम

वहीं सिख जत्थेबंदियों के नेताओ का कहना है की आर्टिस्ट परमिंदर सिंह एक मामूली स्कूटर मैकेनिक है। इसके बावजूद यह सब बिना किसी सरकारी सहायता के कर रहे हैं। म्यूजियम में बाबा बंदा सिंह बहादुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सहित कई नामी नेताओं के पुतले भी परमिंदर सिंह की ओर से बनाए गए हैं।

सिख विरासत से युवा पीढ़ी को अवगत कराने का जुनून

परमिंदर का कहना है कि म्यूजियम में पड़ी सिख विरासत को बचाने के लिए उन्होंने आंदोलन शुरू किया है। परमिंदर सिंह का कहना है कि आने वाली पीढ़ी को अपने सिख इतिहास से अवगत करवाने के लिए ही वह अजायबघर चला रहे है।

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