भूजल का इस्तेमाल करने पर लेनी होगी एनओसी
पानी के दोहन के लिए अब पहले नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पानी के दोहन के लिए अब पहले नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। अर्बन और रूरल एरिया के कंज्यूमर्स को एनओसी लेने में छूट रहेगी। कामर्शियल और बड़ी इंडस्ट्री को इसके लिए एनओसी लेनी होगी। दरअसल जल शक्ति मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ वाटर रिसोर्सेज रीवर डेवलपमेंट एंड गंगा रिजुवनेशन की गाइडलाइंस को नगर निगम अपनाएगा। इसके लिए वाटर सप्लाई बायलॉज के क्लॉज-45 में संशोधन करना होगा। संशोधन करने का एजेंडा 25 सितंबर को होने वाली नगर निगम हाउस की मीटिग में लाया जा रहा है। ग्राउंड वाटर एक्सट्रेक्शन यानी भूजल के दोहन की रेग्युलेशन और कंट्रोल इन गाइडलाइंस के तहत ही आता है। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने भी एमसी से इन गाइडलाइंस को लेकर कंप्लायंस सब्मिट करने के लिए कहा था। इन गाइडलाइंस में एप्लीकेंट दस्तावेज के साथ एप्लीकेशन जमा कराएगा। उसके बाद शर्तो के साथ एनओसी जारी होगी। रेजिडेंशियल अपार्टमेंट, ग्रुप हाउसिग सोसायटी, गवर्नमेंट वाटर सप्लाई एजेंसी, एग्रीकल्चर सेक्टर, कामर्शियल, इंडस्ट्रियल, माइनिग प्रोजेक्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए यह एनओसी लेनी जरूरी होगी।
जितना पानी निकलेगा उतना चार्ज
इन गाइडलाइंस में केटेगरी वाइज पानी के रेट निर्धारित किए जाएंगे। जमीन से जितना पानी निकाला जाएगा उसी हिसाब से चार्ज भी देना होगा।
इन्हें एनओसी में मिलेगी छूट
पीने योग्य और घरेलू कार्य में इस्तेमाल के लिए रूरल और अर्बन एरिया के एकल घरेलू उपभोक्ता को एनओसी की जरूरत नहीं रहेगी। रूरल ड्रिकिग वाटर सप्लाई स्कीम, आर्म्ड फोर्सेस एस्टेब्लिशमेंट और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज एस्टेब्लिशमेंट, एग्रीकल्चर एक्टिविटी, एमएसएमई जो रोजाना कम पानी इस्तेमाल करती है उन्हें एनओसी की जरूरत नहीं रहेगी। डिजिटल वाटर फ्लो मीटर अनिवार्य
इन गाइडलाइंस में डिजिटल वाटर फ्लो मीटर लगाना अनिवार्य है। बीआइएस स्टैंडर्ड का यह मीटर होगा। हालांकि पहले भी चंडीगढ़ में पानी के मीटर लगे हैं, लेकिन एनओसी के साथ डिजिटल मीटर जरूरी होगा। यह भी एजेंडे में शामिल
-2022 में आयोजित होने वाले 50वें रोज फेस्टिवल के आयोजन का एजेंडा
-माड़ी वाला टाउन मनीमाजरा में सीवरेज नेटवर्क को बेहतर करना।
-एमसी के पेट्रोल पंप पर स्टाफ वेजिज डीसी रेट के हिसाब से करना।
-गारबेज प्रोसेसिग प्लांट की अपग्रेडेशन और मेंटेनेंस के लिए आरएफपी डीपीआर तैयार करना।
-सेक्टर-22 धोबी घाट की स्पेशल रिपेयर की अनुमानित लागत।
-कई रोड की मेंटेनेंस के लिए अनुमानित लागत।