मेरी वजह से किसी को नहीं हुआ कोरोना, इसी बात ने आइसोलेशन में दिया सकून: निर्मला
आइसोलेशन सबसे मुश्किल भरा समय होता है क्योंकि आप अपनों से और अपने शौक से दूर हट जाते हैं। आपकी दिनचर्या पूरी तरह से बदल जाती है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : आइसोलेशन सबसे मुश्किल भरा समय होता है, क्योंकि आप अपनों से और अपने शौक से दूर हट जाते हैं। आपकी दिनचर्या पूरी तरह से बदल जाती है। उसके बावजूद भी मुझे आइसोलेशन में जाने के बाद सकून था कि मेरी वजह से मेरे परिवार में किसी दूसरे सदस्य को कोरोना नहीं हुआ। यह कहना है ब्लाइंड इस्टीट्यूट में कम्प्यूटर टीचर निर्मला का। निर्मला ने कोरोना से ठीक होकर वापस काम पर आना शुरू कर दिया है। 13 अप्रैल को मैं अपनी पांच साल की बेटी के बोलने पर उसे उसकी मासी के घर छोड़कर आई थी। उसके बाद खुद पॉजिटिव आने के बाद अकेली कमरे में बंद हो गई और मेरा परिवार जिसमें मेरे सास-ससुर, बड़ा भाई व भाई और उनके बच्चे सहित मेरा पति भी पूरी तरह से सुरक्षित थे। इसी सकून ने मुझे हारने नहीं दिया और मैंने खुद को व्यस्त रखने के लिए स्कूल का काम और कुछ फिल्मों को यूट्यूब पर देखना जारी रखा।
खुद पर विश्वास रखें तो सब ठीक हो सकता है
निर्मला ने कहा कि मेरे लिए थोड़ी मुश्किल मेरी बेटी थी क्योंकि वह कुछ दिन मेरे से दूर रहने के बाद मुझे कॉल करके वापस लेकर जाने के लिए बोल रही थी। उसी समय मुझे मेरे परिवार का सहयोग था कि उन्होंने मुझे हर सुविधा आइसोलेशन में दी। मुझे भगवान पर विश्वास था कि वह जो भी करेगा वह ठीक होगा और मैं हारूंगी नहीं। भगवान के विश्वास ने मुझे जीत भी दिला दी। कोरोना खतरनाक महामारी है लेकिन यदि हम खुद पर विश्वास रखें तो सब ठीक हो सकता है।