लापरवाही... मोहाली के ESIC Hospital में लीव एप्लीकेशन फार्म नहीं, कर्मचारी डेढ़ महीने से खा रहे धक्के

मोहाली के ईएसआइसी अस्पातल में डेढ़ महीने से लीव फार्म नहीं मिल रहे हैं। अस्पताल में मेडिकल लीव के लिए फॉर्म लेने के लिए कई कर्मचारी आते हैं जो कि पूरा-पूरा दिन इंतजार करने के बाद खाली हाथ लौट जाते हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:25 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 02:25 PM (IST)
लापरवाही... मोहाली के ESIC Hospital में लीव एप्लीकेशन फार्म नहीं, कर्मचारी डेढ़ महीने से खा रहे धक्के
अस्पताल में कर्मचारियों को सुविधाओं की बजाए परेशानियां ही मिलती हैं।

जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली के ईएसआइसी अस्पताल (ESIC Hospital) में बीमार कर्मचारियों को मेडिकल लीव के लिए फॉर्म ही नहीं मिल पा रहे हैं। कर्मचारियों को ये समस्या पिछले डेढ़ महीने से आ रही है। बावजूद इस समस्या का अभी तक हल नहीं हुआ। कर्मचारियों को फार्म न मिलने के लिए वो मेडिकल लीव नहीं ले पा रहे हैं। इस कारण कर्मचारियों को बीमारी के दौरान लीव पर होने के चलते सैलरी भी नहीं मिल पा रही।

मोहाली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के लेबर लॉ कमेटी के चेयरमैन एडवोकेट जसबीर सिंह ने बताया कि रोज ईएसआइसी अस्पताल में मेडिकल लीव के लिए फॉर्म लेने के लिए कई कर्मचारी आते हैं जो कि पूरा-पूरा दिन इंतजार करने के बाद खाली हाथ लौट जाते हैं। जिले की फैक्ट्रियों में 4 लाख कर्मचारी काम करते हैं, जो कि हर महीने इंप्लाइज स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (ईएसआइस) में अपनी सैलरी में से 4 प्रतिशत राशि देते हैं। ताकि जब उन्हें इलाज की जरूरत पड़े तो उनका इलाज फ्री हो जाए और जब वो उपचाराधीन हों तब तक उन्हें 70 फीसद सैलरी मिले।

एडवोकेट जसबीर सिंह ने बताया कि कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की पहले ही इतनी सैलरी होती है कि वो मुश्किल से अपना गुजारा कर पाते हैं। ऊपर से ईएसआइ की लापरवाही के चलते कर्मचारियों को वह सैलरी भी नहीं मिल पा रही है। जब कर्मचारी बीमार होता है तो उसके पास पहले ही पैसों की तंगी हो जाती है। क्योंकि उस दौरान वो काम पर नहीं जा पाता। लेकिन उसे एक उम्मीद होती है कि ईएसआइसी से उसे बीमारी के दौरान भी 70 फीसद सैलरी मिलेगी तो उसके घर का गुजारा हो पाएगा। लेकिन फॉर्म न मिलने के चलते कर्मचारियों को सैलरी भी नहीं मिल पा रही है। इसके चलते कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

एडवोकेट जसबीर सिंह ने कहा कि ईएसआइसी को प्रति माह 10 करोड़ रुपये सिर्फ मोहाली जिले से ही जाते हैं। बावजूद कर्मचारियों को सुविधाओं की बजाए परेशानियां ही मिलती हैं। उन्होंने कहा कि जितना फंड ईएसआइसी को मोहाली से मिलता है उतना पैसा अगर मोहाली के ईएसआइसी अस्पताल पर लगे तो एक बड़े प्राइवेट अस्पताल से भी बेहतर सुविधाएं कर्मचारियों को मिल सकती हैं। ईएसआइ के  रीजनल डायरेक्टर अमरीश कुमार शर्मा ने इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। मेडिकल लीव के फार्म मुहैया करवाने के बारे में अस्पताल के एसएमओ को आदेश दिए जाएंगे। ताकि कर्मचारियों को किसी प्रकार की कोई समस्या न आए। जल्द ही कर्मचारियों का फार्म मुहैया करवा दिए जाएंगे।

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