सरकार के निर्देशों के बावजूद मोहाली में वसूले जा रहे No construction charges, गमाडा अधिकारियों ने बताई तकनीकी खराबी

कोरोना काल में पंजाब सरकार की ओर से आर्डर जारी कर नो-कंस्ट्रक्शन चार्जेस अगले छह महीनों के लिए एक्सटेंड कर दिए गए। लेकिन मोहाली में प्रापर्टी से जुड़े कारोबारियों और आम लोग जब गमाडा में पहुंचते हैं तो उनको नो-कंस्ट्रक्शन चार्जेस जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:44 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:44 AM (IST)
सरकार के निर्देशों के बावजूद मोहाली में वसूले जा रहे No construction charges, गमाडा अधिकारियों ने बताई तकनीकी खराबी
पंजाब सरकार की ओर से कोरोना काल में इस तरह की रियायत दी गई थी। (File Photo)

मोहाली, जेएनएन। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) के अधीन आने वाले प्लाट धारकों और अन्य प्रापर्टी कारोबारियों  परेशान है। राज्य सरकार की ओर से  नो कंस्ट्रक्शन चार्जेस भी अभी तक हवा में ही हैं। कोरोना काल में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से एक आर्डर जारी किया गया। जिसमें कहा गया था कि नो-कंस्ट्रक्शन चार्जेस अगले छह महीनों के लिए एक्सटेंड कर दिए गए हैं। लेकिन यहां आलम यह है कि प्रापर्टी से जुड़े कारोबारियों और आम लोग जब गमाडा में खाली पड़े प्लाटों को बेचने, खरीदने, एनओसी और अन्य जरूरी दस्तावेजों को लेने के लिए पहुंचते हैं तो उनको नो-कंस्ट्रक्शन चार्जेस जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है।

प्रापर्टी सेल-परचेज के समय यह कह कर चार्जेस लिए जा रहे हैं कि गमाडा के आईटी विभाग की ओर से सिस्टम में इस ऑप्शन को अपडेट नहीं किया गया है। इसलिए नो-कंस्ट्रक्शन चार्जेस जमा करवाने होंगे और बाद में रिफंड के तौर पर दिया जाएगा। लेकिन दूसरी ओर प्रापर्टी कारोबारियों और गमाडा के अस्टेट ऑफिस रोजाना भारी संख्या में आने वाले लोगों का आरोप है कि गमाडा की इस कार्यवाही से उनका काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। क्योंकि पंजाब सरकार की ओर से कोरोना काल में इस तरह की रियायत दी गई थी, जिसे लागू नहीें किया जा रहा है।

कारोबारियों और आम लोगों का कहना है कि लोगों के पास वैसे ही पैसा नहीं है और हर कारोबारी से लेकर आम लोग भी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। ऐसे में वह चाह कर भी इतनी मोटी रकम जमा नहीं करवा सकते। इसलिए ऐसे नोटिफिकेशन और सीएम के ऑर्डर को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए और इसका लाभ लोगों को मिलना चाहिए। प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि गमाडा को जल्द से जल्द सरकार के आदेशों को लागू करना चाहिए और प्लाट अलॉटियों को एक बड़ी राहत देना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हर कोई कोरोना काल में आर्थिक तंगी से बुरी तरह से पीडि़त है।

सेक्टर-76 से 80 व अन्य प्लाट अलॉटियों को नो-कंस्ट्रक्शन चार्जेस को लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं आम लोगों का कहना है कि जब वह गमाडा के उक्त मामले में बात करते हैं तो गमाडा के अकाउंट विभाग के अधिकारी कहते हैं कि आईटी विभाग की ओर से अपडेट नहीं किया गया है। इसलिए चार्जेस देने होंगे। जबकि आईटी विभाग भी तो गमाडा का ही है और इसे गमाडा ने ही लागू करवाना है फिर जानबूझ कर आम लोगों को क्यों लूटा जा रहा है। इतना ही नहीं साफ्टवेयर अपडेट का बहाना बना कर संबंधित फाइलों को क्लीयर नहीं किया जा रहा है। गमाडा के अकाउंट विभाग के अधिकारी सुनील का कहना है कि पहले ये समस्या आ रहीथी लेकिन अब ऐसा नहीं है। आईटी विभाग में साफ्टवेयर अपलोड कर दिया गया है। अगर ऐसा हो रहा है तो उन्हें इस की जानकारी नहीं है।

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