तीन साल पुराने रिश्वतकांड में इंस्पेक्टर जसविंदर कौर के खिलाफ नही चलेगा केस

चंडीगढ़ के डीआईजी ने सीबीआई कोर्ट में पेश रिपोर्ट में जसविंदर कौर के खिलाफ साक्ष्य नहीं होने का दावा किया था। इसी आधार पर अदालत ने फैसला सुनाया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 05:37 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 05:37 PM (IST)
तीन साल पुराने रिश्वतकांड में इंस्पेक्टर जसविंदर कौर के खिलाफ नही चलेगा केस
तीन साल पुराने रिश्वतकांड में इंस्पेक्टर जसविंदर कौर के खिलाफ नही चलेगा केस

चंडीगढ़ [कुलदीप शुक्ला]। तीन साल पुराने रिश्वतकांड में इंस्पेक्टर जसविंदर कौर को बुधवार सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने आरोपित बनाने और केस चलाने से इनकार कर दिया। इससे पहले पुलिस विभाग की ओर से डीआइजी ओमवीर सिंह बिश्नोई ने एक रिपोर्ट कोर्ट में फाइल की थी। इसमें जसविंदर कौर के खिलाफ सबूत नहीं होने की वजह से केस चलाने की मंजूरी देने से इनकार किया था। इसी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआइ कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोर्ट खुद जसविंदर कौर के खिलाफ केस चलाने पर संज्ञान नही ले सकती है। बता दें कि जसविंदर कौर पर बीती 29 जून 2020 को पांच लाख रिश्वत मांगने का एक अन्य केस सीबीआइ ने दर्ज किया। जिसमें सरेंडर के बाद जेल में बंद है। वहीं विभाग ने भी उसे सस्पेंड कर दिया है।

कोर्ट ने पुलिस से जसविंदर कौर के खिलाफ तीन साल पुराने रिश्वत मामले में प्रॉसिक्यूशन सैंक्शन मांगी थी। लेकिन मंगलवार को चंडीगढ़ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीआईजी) ने सीबीआई कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी जिसमें कहा कि जसविंदर कौर के खिलाफ उस केस में कोई सीधे साक्ष्य नहीं हैं। डीआईजी की रिपोर्ट में कहा गया कि सीबीआई की चार्जशीट में ऐसे कोई सबूत नहीं है जिससे ये साबित हो सके कि जसविंदर कौर ने रिश्वत मांगी है या ली है।

क्या था मामला, जानिए

साल 2017 में जसविंदर कौर सेक्टर-31 थाने की एसएचओ थी। इस दौरान सब-इंस्पेक्टर मोहन सिंह को सीबीआई ने ट्रैप लगाकर एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने प्रेम सिंह बिष्ट नाम के शख्स की शिकायत पर मोहन सिंह को पकड़ा था। तब जसविंदर पर भी आरोप लगे थे कि रिश्वत की रकम का हिस्सा उन्हें भी जाना था। लेकिन तब सीबीआई ने उन्हें आरोपी नहीं बनाया था और केवल मोहन सिंह के खिलाफ ही चार्जशीट फाइल की थी।

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