न्यूजीलैंड सरकार के खिलाफ चंडीगढ़ में सड़कों पर उतरे अस्थायी वीजा धारक, बोले- वापस जाने की अनुमति दिलवाए केंद्र

सेक्टर-10 स्थित गवर्नमेंट म्यूजियम ऑफ आर्ट गैलेरी में करीब 70 अस्थायी वीजा धारकों ने न्यूजीलैंड सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह न्यूजीलैंड सरकार से बातचीत करके उन्हें वहां जाने की अनुमति दिलवाए।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 01:42 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 01:42 PM (IST)
न्यूजीलैंड सरकार के खिलाफ चंडीगढ़ में सड़कों पर उतरे अस्थायी वीजा धारक, बोले- वापस जाने की अनुमति दिलवाए केंद्र
सेक्टर-10 स्थित गवर्नमेंट म्यूजियम ऑफ आर्ट गैलेरी में विरोध प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड के अस्थायी वीजा धारक। जागरण

चंडीगढ़, जेएनएन। कोराेना महामारी के बाद पिछले डेढ़ वर्ष से न्यूजीलैंड ने अपने देश में दूसरे देशों के नागरिको की एंट्री बैन कर रखी है। इस कारण जो भारतीय अस्थायी वीजा धारक है, उन्हें बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। इन वीजा धारकों को अब न्यूजीलैंड में एंट्री नहीं दी जा रही है। इसी के विरोध में सेक्टर-10 स्थित गवर्नमेंट म्यूजियम ऑफ आर्ट गैलेरी में करीब 70 अस्थायी वीजा धारकों ने न्यूजीलैंड सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह न्यूजीलैंड सरकार से बातचीत करके उन्हें वहां जाने की अनुमति दिलवाए। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि उनका पूरा सामान न्यूजीलैंड में ही पड़ा है और उनके वीजा का समय भी खत्म होने की कगार पर है। वे सभी न्यूजीलैंड के वीजा होल्डर हैं, लेकिन कोविड की वजह से वहां की सरकार उन्हें आने की अनुमति नहीं दे रही है। करीब 14 -16 महीने से वे यहां पर फंसे हुए हैं।

न्यूजीलैंड के अस्थायी वीजा धारक जगदीप सिंह ढिल्लों ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ साल 2015 में स्टडी वीजा पर न्यूजीलैंड गए थे। बाद में उन्हें पोस्ट स्टडी वर्क वीजा भी मिल गया। उन्होंने बताया कि वह भारत दो साल पहले किसी काम से आए थे। फिर, कोरोना महामारी होने की वजह से यही फंस गए हैं। उनका घर न्यूजीलैंड में ही है और वहीं उनका सारा सामान भी पड़ा हैं। उन्हाेंने कहा कि देश में ऐसे 700 से 800 लोग ऐसे हैं जो यहां पर फंसे हुए हैं।

इन्होंने गुहार लगाई की इनके ओरिजनल डॉक्युमेंट भी न्यूजीलैंड में है। प्रदर्शनकारीयों ने कहा कि उनका सारा सामान न्यूजीलैंड में है। कारों की किश्तें चल रही हैं। यदि उनकी सुध भारत व राज्य सरकार ने न ली तो वे दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन को मजबूर होंगे। उन्होंने मांग की कि उन्हें जल्द से जल्द न्यूजीलैंड वापस भेजा जाए।

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