पीयू साइंटिस्ट का नया शोध, अब हैंडराइटिग से पता चलेगा अपराधी पुरुष या महिला

सुसाइड नोट या अन्य अपराधिक मामलों में किसी भी हैंडरिटन डॉक्यूमेंट से अपराधी तक पहुंचना आसान हो जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:57 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:57 AM (IST)
पीयू साइंटिस्ट का नया शोध, अब हैंडराइटिग से पता चलेगा अपराधी पुरुष या महिला
पीयू साइंटिस्ट का नया शोध, अब हैंडराइटिग से पता चलेगा अपराधी पुरुष या महिला

डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

सुसाइड नोट या अन्य अपराधिक मामलों में किसी भी हैंडरिटन डॉक्यूमेंट से अपराधी तक पहुंचना आसान हो जाएगा। एक खास तकनीक से तुरंत यह पता चल सकेगा कि लिखने वाला पुरुष है या महिला। पंजाब यूनिवर्सिटी के फोरेंसिक विभाग के प्रोफेसर डा. विशाल शर्मा और शोधकर्ता मनजोत कौर बैंस ने हैंडराइटिग पर खास शोध किया है। इस शोध को आस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित जर्नल ने भी प्रकाशित किया है। पायलट स्टडी के तौर पर 150 लोगों की हैंडराइटिग पर यह शोध किया गया, जिसमें 75 पुरुष और इतनी ही महिलाएं शामिल थी। स्टडी के रिजल्ट काफी अच्छे मिले हैं। डा. विशाल के अनुसार फीमैल के मामले में एक्यूरेसी 80 फीसद और पुरुषों में यह 76.4 फीसद पाई गई है। फोरेंसिक फिल्ड में कई अहम रिसर्च कर चुके डा. विशाल ने बताया कि करीब एक साल में हैंडराइटिग को लेकर स्टडी की गई। उन्होंने बताया कि स्टडी में एक ऐसा टूल तैयार किया गया, जिसमें 25 फीचर चिन्हित किए गए। जिनमें से 15 फीचर के माध्यम से हैंडराइटिग से यह पता चल सका कि यह किसी पुरुष की है या महिला की। उन्होंने कहा कि इस स्टडी को बड़े स्तर पर किया जाएगा तो इसके और भी अच्छे रिजल्ट मिलने की उम्मीद है। डा. विशाल ने बताया कि सुसाइड के मामलों में असल अपराधियों की पहचान नहीं हो पाती है, लेकिन नए शोध से इसमें काफी हद तक सफलता मिलने की संभावना रहेगी। यह खास विधि इनवेस्टिगेटेवि एजेंसी को क्राइम मामलों में काफी मदद करेगी। देश में इस समय हैंडराइटिग के लिए एक्सपर्ट द्वारा मैनुअल तरीकों को ही अपनाया जाता है, लेकिन नई तकनीक पर और काम किया गया तो हैंडराइटिग से किसी भी अपराधी के बारे में चंद मिनटों में ही जानकारी मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि देश में अभी हैंडराइटिग का डाटा बेस नहीं है। ऐसे में उनका यह शोध काफी लाभकारी हो सकता है।

इससे पहले भी डा. विशाल कॉस्मेटिक्स के निशान की मदद से अपराधियों को पकड़ने को लेकर खास शोध कर चुके हैं। जिसमें सौंदर्य प्रसाधनों में शामिल आई लाइनर और मस्कारा के छोटे से निशान से अपराध साबित करने में मदद मिल सकेगी। इंटरनेशनल स्तर पर इनके कई शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं और इनके पास फोरेंसिक से जुड़े कई प्रोजेक्ट भी हैं।

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