ये तो पैसे की बर्बादी है... चंडीगढ़ में 8 करोड़ रुपये से तैयार स्कूल की नई बिल्डिंग को 2 साल नहीं मिली मंजूरी

चंडीगढ़ में स्कूल की नई इमारत अब सफेद हाथी साबित हो रही है। क्योंकि दो साल पहले तैयार की गई यह बिल्डिंग अभी तक मंजूरी और स्टूडेंट्स का इंतजार कर रही है। इमारत के इर्द गिर्द घास तक उग आई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 01:32 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 01:32 PM (IST)
ये तो पैसे की बर्बादी है... चंडीगढ़ में 8 करोड़ रुपये से तैयार स्कूल की नई बिल्डिंग को 2 साल नहीं मिली मंजूरी
सेक्टर 12 में दो पहले पहले बनाई गई स्कूल की नई इमारत।

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। शहर के स्कूलों में स्टूडेंट्स को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिले, इसके लिए शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है। इसी के तहत विभाग ने आठ करोड़ रुपये की लागत से 2019 में सेक्टर-12 में नई स्कूल इमारत का निर्माण करवाया था। यह स्कूल दसवीं कक्षा तक के लिए तैयार किया गया था, लेकिन बदकिस्मती की बात है कि इमारत को बने दो सालों के बाद भी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की तरफ से इसे मंजूरी नहीं मिली है। सीबीएसई की इंस्पेक्शन कमेटी शहर के विभिन्न स्कूलों को चेक करके वापस लौट चुकी है, लेकिन इस नई स्कूल इमारत आज भी मंजूरी और स्टूडेंट्स के इंतजार है। 

अगस्त-सितंबर 2019 में प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग ने आठ करोड़ की लागत से इमारत तैयार कर शिक्षा विभाग को हैंडओवर की। सही रख-रखाव नहीं होने के चलते फरवरी 2020 में स्कूल की इमारत में लाखों रुपये का सामान चोरी हो गया। चोरी हुए सामान में बिजली की तारा से लेकर खिड़कियों पर लगा हुआ सरिया तक चोर चोरी कर ले गए थे। मार्च 2020 में कोरोना महामारी के दौरान पीजीआइ ने मेडिकल टीम के लिए क्वांरटाइन सेंटर के तौर पर इमारत को इस्तेमाल किया। अक्टूबर 2020 में पीजीआइ ने क्वांरटाइन सेंटर बंद कर दिया। इसके बाद भी शिक्षा विभाग वर्ष 2021 में सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी को स्कूल इमारत नहीं दिखा पाया।

खुड्डा जस्सू और पीजीआइ सराय के स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा

सेक्टर-12 में बनी यह स्कूल की नई इमारत का खुड्डा जस्सू और पीजीआइ सराय के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को फायदा होगा। मौजूदा समय में उक्त दोनों स्कूलों में दसवीं कक्षा तक तीन हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। विभाग की तत्कालीन प्लानिंग के अनुसार पीजीआइ सराय के अलावा खुड्डा जस्सू की बड़ी क्लासों को नई इमारत में शिफ्ट करना था।

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