बेटियों पर नाज.. मां ने दिया मुश्किलों में साथ, बेटी ने भर दी मेडलों से झोली Chandigarh News

समाज में बेटियों के लिए रोल मॉडल बनी सुषमा यादव ने जुनून जज्बे और प्रतिभा के दम पर वह कर दिखाया जो साधन संपन्न होने पर लाेग नहीं कर पाते।

By Edited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 09:56 PM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 04:04 PM (IST)
बेटियों पर नाज.. मां ने दिया मुश्किलों में साथ, बेटी ने भर दी मेडलों से झोली Chandigarh News
बेटियों पर नाज.. मां ने दिया मुश्किलों में साथ, बेटी ने भर दी मेडलों से झोली Chandigarh News

चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। जिंदगी में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो मुश्किल हालात में भी सफलता मुमकिन है। चंडीगढ़ पुलिस की कांस्टेबल सुषमा ऐसी ही प्रतिभा का दूसरा नाम है। समाज में बेटियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी सुषमा यादव ने जुनून, जज्बे और प्रतिभा के दम पर वह कर दिखाया, जो बहुत से साधन संपन्न होने पर भी नहीं कर पाते।

चंडीगढ़ पुलिस के अफसर और पुलिस विभाग के साथी सुषमा की उपलब्धियों पर नाज करते हैं। इंटरनेशनल स्तर पर योग प्रतियोगिताओं में चंडीगढ़ काे कई गाेल्ड मेडल दिलाने वाली सुषमा को प्रमोशन देकर हेड कांस्टेबल बना दिया है। पुलिस विभाग में योग इवेंट में प्रमोशन पाने वाली सुषमा पहली महिला जवान है। सुषणा के लिए यहां तक का सफर कोई आसान नहीं रहा।

  दंगल जैसी किसी फिल्मी कहानी की तरह

सुषमा ने भी जिंदगी के बहुत बुरे दौर से खुद को निकाल मंजिल का सफर तय किया है। पिता नहीं रहे तो मां ने दी बेटी के हौसलों को उड़ान सुषमा हरियाणा के रिवाड़ी जिले के कोहराड़ गांव (कौसली) में पैदा हुई। सुषमा की तीन बहनें और भाई फौज में हैं। आठवीं में पिता की अचानक मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। मां सावित्री देवी ने बच्चों के लिए खुद खेतों में काम कर उनके सपनों को पूरा करने की ठान ली।

बेटी को योग के लिए घर से बाहर भेजने का फैसला

मां के लिए आसान नहीं था, लेकिन सुषमा ने पहले ही इवेंट से मेडल जीत मां के विश्वास बनाए रखा। 2010 में चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल भर्ती होने वाली सुषमा ने कहा कि वक्त कैसा भी रहा, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। करियर में 25 से अधिक मेडल जीते, जिसमें 10 गोल्ड मेडल हैं। सुषमा और उसकी तीन चचेरी बहनें भी हरियाणा और दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। 2016 ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में सभी बहनों सुषमा,रामभतेरी ने गोल्ड, सोमवती ने सिल्वर, गीता ने ब्रांज मेडल हासिल कर नया रिकॉर्ड बनाया।

मां बनने के बाद भी जीते मेडल

सुषमा कहती हैं कि शादी या मां बनना करियर को खत्म नहीं कर सकता। सुषमा की 2003 में राजस्थान में शादी कर दी गई। ससुराल में माहौल नहीं था, कि योग को जारी रख सकू, बंद कमरे में योग की प्रेक्सिटस जारी रखी। पति दिनेश सिंह यादव ने हमेशा साथ दिया। 2014 में बेटा होने के बाद भी 2016ए ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में गोल्ड हासिल किया। सुषमा जून-जुली 2020 मलेशिया में होने वाली एशियन योगा चैंपियनशिप तैयारी में जुटी है। वह महिलाओं के लिए खास तौर पर योग कैंप लगाती हैं।

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