चंडीगढ़ जिला अदालत में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में निटपाए गए 7515 केस, 8.20 करोड़ के 770 चेक बाउंस मामलों का हुआ निपटारा

चंडीगढ़ में लोक अदालत में काेरोना नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया और लोगों की भीड़ कोर्ट रुम के अंदर से लेकर बाहर तक एकत्रित रही। न तो वहां पर सैनिटाइजिंग सही ढंग से की गई और न ही लोगों की चेकिंग।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 11:51 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 11:51 AM (IST)
चंडीगढ़ जिला अदालत में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में निटपाए गए 7515 केस, 8.20 करोड़ के 770 चेक बाउंस मामलों का हुआ निपटारा
चंडीगढ़ लोक अदालत में 7515 केसों का निपटारा हुआ।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के आदेशानुसार शनिवार को लोक अदालत का आयोजन सेक्टर-43 स्थित जिला अदालत में हुआ। इस दौरान सबसे ट्रैफिक चालान के सबसे ज्यादा केस निपटाए गए। वहीं एनआइ एक्ट की धारा 138 के तहत आने वाले चेक बाउंस के 8 करोड़ 20 लाख 80 हजार 467 रुपये के 770 केसो का निपटारा राष्ट्रीय लोक अदालत से हुआ। लोक अदालत में काेरोना नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया और लोगों की भीड़ कोर्ट रुम के अंदर से लेकर बाहर तक एकत्रित रही। न तो वहां पर सैनिटाइजिंग सही ढंग से की गई और न ही लोगों की चेकिंग। शनिवार को लगी लोक अदालत में कुल 7515 केस का निपटारा हुआ। लोक अदालत लगने से पहले पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के जज जस्टिस जसवंत सिंह, डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज गुरबीर सिंह और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सेक्रेटरी कम-सीजेएम अशोक कुमार मान ने लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार जताया। इस दौरान तीनों अधिकारियों ने कोर्ट रुम का भी दौरा कर केस की प्रक्रियाओं का जायजा लिया।

सबसे ज्यादा भुगते गए चालान

इस बार लोक अदालत में सबसे ज्यादा ट्रैफिक चालान सबसे ज्यादा भुगते गए। आंकड़ों के अनुसार 6167 केस सिर्फ ट्रैफिक चालान के थे। इन चालान से अदालत में चार लाख 48 हजार 200 रुपये का जुर्माना जमा हुआ। वहीं 2 करोड़ 90 लाख 55 हजार 500 रुपये के 32 मोटर एक्सीडेंटल क्लेम केसों का निपटारा किया गया। इसके अलावा एनआइ एक्ट की धारा 138 के तहत आने वाले चैक बाउंस के 8 करोड़ 20 लाख 80 हजार 467 रुपये के 770 केस, 29 हजार 020 रुपये के क्रिमिनल कंपाउंडेबल केस, 16 लाख 94 हजार 490 रुपये के पांच बैंक रिकवरी केस, एक करोड 42 लाख 51 हजार 185 रुपये के 34 वैवाहिक/पारिवारिक विवाद, 134 सिविल सूट और रेंट केस, 85 लाख 68 हजार 542 रुपये के 61 एक्सिक्यूशन केस, तीन लाख 53 हजार 222 रुपये के चार क्रिमिनल रिविजन, 16 सीआरएल. एमआइएससी केस, 26 लाख 02 हजार 110 रुपये के 23 सिविल एमआइएससी केस।

93 आर्बिट्रेशन केस नौ सिविल/रेंट अपील, 125 सीआरपीसी के 26 केस, 18 केस दहेज अधिनियम, 34 शॉप एक्ट के केसो का निपटरा करने पर 11 लाख 83 हजार 100 रुपये का जुर्माना जमा हुआ। दो लाचा 12 हजार रुपये के सात क्रिमिनल अपील, 1500 रुपये के 11 संरक्षक अधिनियम, 47 अनट्रेस केस और 34 नगर पालिका के मामले निपटाए गए। इन सबके अलावा 80 लाख 64 हजार 946 रुपये के 41 केसो का निपटारा स्थाही लोक अदालत में किया गया। 20 लाख 69 हजार 993 रुपये के 36 प्री लिटिगेटिव केस, 24 लाख 07 हजार 335 रुपये के लेबर डिस्प्यूट केस निपटाए गए।

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