नगर निगम काे नहीं मिली 150 करोड़ रुपये की ग्रांट, कर्मियों का डीए रोका Chandigarh News

इस समय कमिश्नर स्पेन गए हुए हैं जोकि अगले सोमवार को लौटेंगे। तब तक अतिरिक्त ग्रांट की राशि का कोई शेयर मिलने की भी उम्मीद नहीं है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 08:38 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 11:38 AM (IST)
नगर निगम काे नहीं मिली 150 करोड़ रुपये की ग्रांट, कर्मियों का डीए रोका Chandigarh News
नगर निगम काे नहीं मिली 150 करोड़ रुपये की ग्रांट, कर्मियों का डीए रोका Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर द्वारा नगर निगम को 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त ग्रांट देने की मांग को मंजूर तो कर लिया गया है, लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक एक रुपया भी नगर निगम को नहीं मिला। नगर निगम के अकाउंट विभाग के अधिकारियों की धड़कने बढ़नी शुरू हो गई हैं, क्योंकि नवंबर माह समाप्त होने में सिर्फ एक माह का समय बचा है और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पूरी राशि नहीं है।

जमा पड़ी सभी एफडी तुड़वा दी गई है। यहां तक कि जो 10 प्रतिशत डीए की किस्त भी कर्मचारियों को नहीं दी गई है। जबकि प्रशासन ने अपने सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की किस्त अदा कर दी है। नगर निगम के अनुसार डीए अदा करने के लिए नगर निगम को 60 लाख रुपये चाहिए। बावजूद इसके यह राशि अदा नहीं की जा रही है। इसे लेकर कर्मचारियों में रोष भी है।

निगम कमिश्नर गए स्पेन

इस समय कमिश्नर स्पेन गए हुए हैं, जोकि अगले सोमवार को लौटेंगे। तब तक अतिरिक्त ग्रांट की राशि का कोई शेयर मिलने की भी उम्मीद नहीं है। जबकि प्रशासन की ओर से यह ग्रांट विकास के विशेष कामों के लिए दी गई है। नगर निगम के खंजाने में इस समय 25 करोड़ रुपये का फंड पड़ा है।जबकि कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए 35 करोड़ रुपये की राशि चाहिए। ऐसे में दिसंबर माह में नगर निगम वर्तमान फंड के बीच सभी कर्मचारियों के वेतन नहीं दे पाएगा।

नहीं मिली ग्रांट इन एड की एडवांस किस्त

पिछले माह नगर निगम ने प्रशासन से लिखित में कहा था कि वह उन्हें एडवांस में तिमाही किस्त जारी कर दे। जनवरी माह में प्रशासन की ओर से नगर निगम को वित्तीय सत्र की पास बजट की किस्त जारी करनी है, लेकिन अभी तक प्रशासन यह एडवांस किस्त भी देने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। साल 2019-20 के वित्तीय सत्र के लिए प्रशासन ने नगर निगम का 375 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड पास की थी।यह राशि प्रशासन की ओर से किस्त की शक्ल में हर तीन माह बाद जारी की जाती है।

फंड की कमी होने के कारण नगर निगम इससे पहले भी प्रशासन से जून माह में दिसंबर तक की छह माह की किस्त ले चुका है। उस समय भी नगर निगम ने प्रशासन ने वित्तीय स्थिति अच्छी न होने के कारण दो किस्ते मांग ली थी। तीन माह की एमसी की किस्त 93.75 करोड़ रुपये बनती है।

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