चंडीगढ़ में मानसून ने दी दस्तक, नगर निगम रोड व गलियों की अभी तक नहीं कर पाया सफाई

चंडीगढ़ में नगर निगम रोड व गलियों की सफाई नहीं कर पाया है। नगर निगम का दावा है कि 80 फीसद से ज्यादा रोड गलियों की सफाई हो चुकी है। बाकी गलियों की सफाई इस माह के अंत तक हो जाएगी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:54 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:54 AM (IST)
चंडीगढ़ में मानसून ने दी दस्तक, नगर निगम रोड व गलियों की अभी तक नहीं कर पाया सफाई
चंडीगढ़ में नगर निगम रोड व गलियों की सफाई नहीं कर पाया है।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में मानसून ने दस्तक दे दी है। लेकिन अभी तक नगर निगम शहर की रोड व गलियों की सफाई नहीं कर पाया है। इस बार मानसून 15 दिन पहले ही शहर में आ गया है। नगर निगम का दावा है कि 80 फीसद से ज्यादा रोड गलियों की सफाई हो चुकी है। बाकी गलियों की सफाई इस माह के अंत तक हो जाएगी। मालूम हो कि रोड गलियों की सफाई का हर साल दावा किया जाता है इसके बावजूद शहर की सड़कें बारिश में तलाब में तबदील हो जाती है। नगर निगम हर साल रोड गलियों की सफाई पर सवा करोड़ रुपये खर्च करता है। शहर की कॉलोनियां और गांव के एरिया में भी जलभराव हो जाता है। शहर में 30 हजार रोड गलियां है। मानसून को लेकर नगर निगम की ओर से टीमें बनाई जाती है जो कि जलभराव की शिकायत आने पर मौके पर पहुंचते हैं। लेकिन अभी टीमों का गठन नहीं हुआ है। शिकायत दर्ज करवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा। लोगों का कहना है कि नगर निगम को पूरा साल रोड गलियों की सफाई करनी चाहिए।  

ऐसे स्थल जहां पर हर साल भरता है पानी

औद्योगिक क्षेत्र स्थित सीटीयू वर्कशाप के पास के अंडरपास में

सेक्टर-15 से 11 को जाने वाली सडक़ पर बने अंडरपास में

सेक्टर-17 स्थित आरबीआई बैंक के सामने बनी अंडरग्राउंड पार्किंग में

सेक्टर-43 बस स्टैंड चौक

पंजाब विश्वविद्यालय के तीन नंबर गेट के पास

सेक्टर-27-28 की विभाजक सडक़

हल्लोमाजरा चौक

मनीमाजरा की अंदरुनी सडक़े

मध्य मार्ग में कई जगह जमा होता है पानी

सेक्टर-26 की मंडी और चौक के पास

कालोनी नंबर-4 और 5 में

आटावा गांव से सेक्टर-35 का जाने वाली सडक़

एक घंटे में 25 मिमी बारिश ही झेल सकता है ड्रेनज सिस्टम

शहर में जो पानी की निकासी के लिए अंदरुनी ड्रेनज सिस्टम है वह भी अब काफी कमजोर हो गया है। जनस्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक घंटे में 25 मिमी बारिश ही ड्रेनज सिस्टम झेल सकता है अगर इससे ज्यादा बारिश होगी तो जलभराव होना लाजमी ही है। जबकि मानसून में एक एक घंटे में 50 से 60 मिमी बारिश भी हो जाती है।फासवेक के सलाहकार दलविंदर सिंह सैनी का कहना है कि जब नगर निगम को हर साल पता होता है कि मानसून में शहर में जलभराव की स्थिति हो जाती है तो समय पर नगर निगम को इसकी सफाई शुरू करनी चाहिए थी।इस तरह की सफाई का काम पूरा साल होना चाहिए।

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