Mohali MC Election: वार्डबंदी को लेकर मिले दो दर्जन से ज्यादा ऐतराज, कई पूर्व पार्षदों ने उठाए सवाल
गाैरतलब है कि इस बार नई वार्डबंदी में 50 फीसदी वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है जबकि पहले ये 33 फीसदी थे। अकाली भाजपा के पूर्व पार्षद व नेता वार्डबंदी को गलत बता रहे है। आरोप है कि वार्डबंदी जानबूझ कर की गई है।
मोहाली, जेएनएन। मोहाली नगर परिषद की नई वार्डबंदी को लेकर अब तक दो दर्जन से ज्यादा ऐतराज आ चुके है। कई लोगाें ने वार्डबंदी को लेकर अपने ऐतराज सीधे तौर स्थानीय निकाय विभाग के सचिव व डायरेक्टर को भी भेज है। ज्यादातर ऐतराजों में वार्डों को गलत तोड़ मरोड़, वार्डों को गलत तरीके से रिजर्व करना, वार्डों की नंबरिंग को चेंज करना, वार्डों में नक्शे की पूरी जानकारी न होना आदि ऐतराज है।
गाैरतलब है कि इस बार नई वार्डबंदी में 50 फीसदी वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है जबकि पहले ये 33 फीसदी थे। अकाली, भाजपा के पूर्व पार्षद व नेता वार्डबंदी को गलत बता रहे है। आरोप है कि वार्डबंदी जानबूझ कर इस तरीके से की गई कि पूर्व अकाली व भाजपा पार्षदों के वार्ड टूट जाए। इस बार मोहाली में अकाली दल व भाजपा की राहें अलग अलग है। सभी सीटों पर हर पार्टी के अलग अलग उम्मीदवार होंगे। अन्य राजनीतिक पार्टियां भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी।
उधर मोहाली के पूर्व अकाली पार्षदों की ओर से सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया है कि आगे की जो रणनीति होगी उस पर फैसला पूर्व मेयर कुलवंत सिंह की ओर से लिया जाएगा। पूर्व पार्षदों की ओर से सर्वसम्मति से ये अधिकार पूर्व मेयर कुलवंत सिंह को दे दिए है। कुलवंत सिंह नगर निगम के पहले कार्यकाल में आजाद ग्रुप बना कर कांग्रेस के समर्थन के साथ मेयर की कुर्सी हासिल की थी लेकिन दो साल बाद वह अकाली दल में शामिल हो गए थे। मोहाली की पहले निगम में सदन में मेयर का पद अकाली दल के पास और सीनियर डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस के पास रहा।
वहीं वार्डबंदी को लेकर अकाली पार्षदों को कोई संतुष्ट जबाब मिलता नजर नहीं आ रहा। रविवार शाम पांच बजे तक लोगों की ओर से ऐतराज दिए जा सकते है। जिसके बाद विभाग ये बताएगा कि उन ऐतराजों का क्या हल किया गया। अगर शिअद के ऐतराजों पर संतोषजनक जबाब नहीं मिला तो पार्टी अदालत जा सकती है।