चंडीगढ़ में प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कूलों पर बढ़ा अभिभवकों का विश्वास, दो साल में 15 हजार स्टूडेंट्स ने लिया दाखिला

चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में बीते दो साल में 15 हजार से ज्यादा नए स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया है। नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक पांच हजार स्टूडेंट्स की ज्यादा एडमिशन हुई है। वहीं छठी से बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट्स की संख्या 10 हजार से ज्यादा बढ़ चुकी है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 03:35 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 03:35 PM (IST)
चंडीगढ़ में प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कूलों पर बढ़ा अभिभवकों का विश्वास, दो साल में 15 हजार स्टूडेंट्स ने लिया दाखिला
शहर में प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर स्टूडेंट्स सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। (फाइल फोटो)

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा नुकसान तो वैसे हर वर्ग को हुआ है। लेकिन इसका फायदा भी हुआ है। महामारी का फायदा शहर के सरकारी स्कूलों को हुआ है। महामारी के चलते मार्च 2020 से अब तक की बात करें तो शहर के प्राइवेट स्कूलों को छोड़ 15 हजार से ज्यादा बच्चे सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले चुके हैं। इससे जहां चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के अधिकारी खुश हैं वहीं, स्कूलों का टीचिंग स्टाफ परेशान हैं। शिक्षकों की परेशानी का कारण स्कूलों में टीचरों की कमी है। यदि दो से तीन महीने में सरकारी स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो जाती हैं तो स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी खलेगी। 

कोरोना महामारी के दौरान स्टूडेंट्स का सरकारी स्कूलों में प्राइमरी विंग से लेकर सीनियर सेकेंडरी की क्लासों के लिए रूझान बढ़ा है। यदि प्राइमरी विंग की बात करें तो नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक पांच हजार स्टूडेंट्स की ज्यादा एडमिशन हुई है। वहीं, छठी से बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट्स की संख्या 10 हजार से ज्यादा बढ़ चुकी है।

स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देख अपग्रेड हुए स्कूल

सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने के बाद महामारी के दौरान अब तक चार स्कूल अपग्रेड हो चुके हैं। जिसमें सबसे पहले गवर्नमेंट माडल प्राइमरी स्कूल सेक्टर-49 था जिसे अपग्रेड करके मिडिल का दर्जा दिया गया है। इसी प्रकार से शहर के स्लम एरिया में स्थापित रायपुर कलां और मलोया में स्थापित दो हाई को सीनियर सेकेंडरी का दर्जा दिया गया है। इसी प्रकार सेक्टर-45 बुडै़ल में माैजूद एक हाई स्कूल को भी सीनियर सेकेंडरी बनाया गया है।

स्टूडेंट्स बढ़े लेकिन अध्यापकों का टोटा

कोरोना महामारी के दौरान यदि स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या की बात करें तो 15 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स दाखिला ले चुके हैं। वहीं, यदि अध्यापकों की बात करें तो विभाग के पास 1250 से ज्यादा टीचिंग पोस्ट खाली हो चुकी हैं। स्टूडेंट्स के बढ़ने का कारण कोरोना के चलते अभिभावकों की आर्थिक स्थिति रही, जबकि अध्यापकों के कम होने में चंडीगढ़ द्वारा पंजाब सर्विस रूल्स को अडॉप्ट करना मुख्य कारण रहा। फरवरी 2020 में पंजाब सर्विस रूल्स अडॉप्ट किया गया जिसमें सेवानिवृति की उम्र 58 साल कर दी गई थी। इसके बाद एक साल के भीतर एक हजार से ज्यादा अध्यापक रिटायर हुए हैं। जबकि बीते तीन सालों से विभाग एक भी पद पद पर भर्ती करने में नाकाम रहा है।

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