मोनिका बोली पापा इबके गोल्ड लेकै आवेंगे, पार्टी होवैगी

टोक्यो ओलिपिक में भारतीय महिला टीम ने अभी कोई मेडल नहीं जीता है बावजूद इसके सेमीफाइनल में पहुंचने वाली इस टीम को देशभर से बधाई व शुभकामनाएं मिल रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:35 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:35 AM (IST)
मोनिका बोली पापा इबके गोल्ड लेकै आवेंगे, पार्टी होवैगी
मोनिका बोली पापा इबके गोल्ड लेकै आवेंगे, पार्टी होवैगी

विकास शर्मा, चंडीगढ़

टोक्यो ओलिपिक में भारतीय महिला टीम ने अभी कोई मेडल नहीं जीता है, बावजूद इसके सेमीफाइनल में पहुंचने वाली इस टीम को देशभर से बधाई व शुभकामनाएं मिल रही हैं। सोमवार को भारतीय महिला हॉकी टीम ने क्वार्टरफाइनल में जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को 1-0 से हराकर बड़ा उलटफेर किया और सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इंडियन महिला हॉकी टीम में मौजूदा समय में खेल रही दो खिलाड़ी चंडीगढ़ हॉकी अकादमी की ट्रेनी हैं, शर्मिला और मोनिका मलिक ने सेक्टर -18 स्थित चंडीगढ़ हॉकी अकादमी से हॉकी के गुर सीखे हैं। सेक्टर-44 स्थित रहने वाली हॉकी खिलाड़ी मोनिका मलिक के पिता तकदीर सिंह बताते हैं कि आज दिन में दो बार मोनिका से बातचीत हुई। वह इस जीत पर बेहद खुश थीं। उसने बताया कि इस जीत से टीम का मनोबल काफी ऊपर है। इबके गोल्ड लेकै आवेंगे, (इस बार गोल्ड मेडल जीतेंगी) तो पार्टी होवैगी। पिता बोले बेटी की खुशी को देखकर वह काफी भावुक हो गए थे, उन्होंने मोनिका से कहा कि पूरे देश की उम्मीद सै, जीत का आणा।

टीम इतिहास बनाने से दो कदम की दूरी पर

हॉकी टीम की चीफ कोच मंजीत कौर ने बताया कि मोनिका ने 2005 में गवर्नमेंट स्कूल-44 से हॉकी खेलना शुरू किया था। 2007 में यूटी स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट की डे- बोर्डिग स्कीम के तहत मोनिका ने सेक्टर-18 की हॉकी एकेडमी ज्वाइन की थी। 2009 में चंडीगढ़ ग‌र्ल्स टीम ने स्कूल नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इस टीम में मोनिका मलिक ने भी अहम भूमिका निभाई। 2011 में मोनिका की मौजूदगी में चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 2012 में भी चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में सिल्वर मेडल जीता। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते मोनिका ने इंडिया की जूनियर टीम में जगह बनाई और 2014 में जर्मनी में आयोजित जूनियर व‌र्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसी साल इंडिया की जूनियर टीम ने एशियन गेम्स में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता। मोनिका ने इसके बाद हरियाणा की तरफ से खेलना शुरू किया, जिसका असर हरियाणा महिला टीम पर देखने को मिला, टीम ने 2014 में सीनियर नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर जीता था। इसके बाद मोनिका टीम इंडिया के साथ खेलते हुए भी कई मैचों में खुद को साबित किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा टीम में सभी खिलाड़ी अच्छा खेल रही हैं। टीम इतिहास बनाने से दो कदम की दूरी पर है।

कोच बोले- शर्मिला को बोला था इंडिया में खेलोगी आप

खेलो इंडिया के हॉकी एक्सीलेंस सेंटर के चीफ कोच गुरमिदर सिंह बताते हैं कि उन्होंने ही इन खिलाड़ियों के ट्रायल लेकर इन्हें चंडीगढ़ हॉकी में शामिल किया था। ऐसे में उन्हें आज भी इन खिलाड़ियों के वो मासूम चेहरे याद आते हैं जब इन्होंने 10 वर्ष की उम्र में चंडीगढ़ हॉकी अकादमी ज्वाइन की थी। उन्होंने बताया कि शर्मिला हिसार की रहने वाली है और उसने वहीं हॉकी खेलना शुरू किया था। वह बेहतर हॉकी खेलती थी, जिस वजह से 2012 में उनका चयन चंडीगढ़ हॉकी अकादमी में हो गया, वह 2016 तक चंडीगढ़ हॉकी अकादमी से जुड़ी रही, बीच में वह चोटिल भी हो गई थी। गुरमिदर सिंह ने बताया कि शर्मिला बेहद स्पीड से खेलती हैं, कोचिग के दौरान उन्हें मालूम था कि यह खिलाड़ी जरूर एक दिन इंडिया के लिए खेलेंगी। 2019 में उनका चयन सीनियर नेशनल टीम में हो गया। महिला टीम बेहतर खेल रही है और अब हमें बेसब्री से चार अगस्त को अर्जेटीना से होने वाले मैच का इंतजार है।

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