मोहाली के जीरकपुर क्षेत्र में दो महीने से नहीं आ रहा बिजली का बिल, लोग कर रहे औसत का भुगतान
जीरकपुर में लोगों को पावरकॉम की ओर से इकट्ठा बिजली बिल भेजने का डर सता रहा है। इसे लेकर शहर के लोगों ने ट्विटर पर मुहिम भी चलाई। बावजूद इसके लोगों के पास बिजली बिल नहीं पहुच रहे हैं।
जीरकपुर, जेएनएन। एक तरफ मिनी लॉकडाउन कारोबार चौपट हो रहा है तो दूसरी तरफ जीरकपुर क्षेत्र में 2 महीने से बिजली का बिल नहीं आ रहा है। लोगों को पावरकॉम की ओर से इकट्ठा बिजली बिल भेजने का डर सता रहा है। इसे लेकर शहर के लोगों ने ट्विटर पर मुहिम भी चलाई। बावजूद इसके लोगों के पास बिजली बिल नहीं पहुच रहे हैं। लोगों का कहना है कि पंजाब में बिजली के रेट सबसे अधिक हैं लेकिन इसके बदले में सुविधाएं शून्य के बराबर हैं।
विभाग की ओर से अघोषित बिजली कट लगा दिए जाते हैं। समस्याओं का समय पर समाधान नहीं किया जाता। लोगों का आरोप है की पावरकॉम जानबूझकर बिजली के बिल नहीं भेज रहा ताकि उपभोक्ता रियायत वाले स्लैब में न आएं और विभाग अधिकतम रेट के अंतर्गत बिजली बिल वसूल सके। यह लोगों के साथ किया जा रहा बड़ा घोटाला है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। हालांकि लोगों को पीएसपीसीएल की ऐप पर भी बिलजी के बिल की जानकारी नहीं मिल रही। उपभोक्ता बिजली दफ्तर से बिल निकलवाकर औसत बिल का भुगतान कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि पावरकॉम के अधिकारी व कर्मचारी बाद में हजारों का बिजली बिल भेजेंगे। लोगों ने बताया कि बिल में गलती होने पर कई बार बिजली दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके बाद गलत बिल में सुधार होता है। इस मामले को लेकर कई बार अधिकारियों से बात की जा चुकी है, लेकिन बिल नहीं भेजे जा रहे हैं।
बिजली बिल भेजने व रीडिंग लेने का काम निजी एजेंसी कर रही थी। पहले बिजली बिल लुधियाना से तैयार होते थे लेकिन अब यह काम जीरकपुर में ही हो रहा है। जिसका की डाटा अपलोड किया जा रहा। पहले गलती होने पर सुधार कराने में दो दिन लगते थे एक बार सिस्टम सुचारू होने पर गलतियां 1-2 दिन में ठीक हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि बिजली के बिल में हर महीने पहली 300 यूनिट निर्धारित स्लैब पर ही चार्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों का डाटा अपलोड हो चुका है उन क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की बिल पहुंचने शुरू हो चुके हैं।