कैटल फ्री बनेगा मोहाली, शहर के बीचों बीच बसे गांवों से नगर निगम शिफ्ट करेगा डेयरियां
मोहाली शहर को कैटल फ्री बनाने के लिए नगर निगम गांवों से दूध की डेयरियों को शिफ्ट करेगा। इसके लिए निगम नें दूसरी जगह भी तलाश कर ली है। मोहाली शहर में छह गांव आते हैं जहां लोगों ने दुधारू मवेशी पाल रखे हैं।
जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली शहर के बीचों बीच बसे गांवों के लोग अब मवेशी नहीं रख सकेंगे। नगर निगम ने शहर को कैटल फ्री बनाने के लिए अपने अधीन आने वाले इलाकों से पशु डेयरियों को शहर के बाहर निकालने की तैयारी कर ली है। पशु मालिकों को भी नुकसान न हो इसके लिए निगम की ओर से किसी दूसरे स्थान पर जगह भी मुहैया करवाई जाएगी। निगम की तरफ से करीब दस से 12 एकड़ जगह की निशानदेही भी की गई है। जहां पर डेयरियों को शिफ्ट किया जाएगा।
मोहाली नगर निगम के अधीन छह गांव आते हैं। इन गांवों में लोगों ने पशु रखे हुए हैं। पशु पालक पशुओं से दूध लेने के बाद उन्हें चरने के लिए सड़कों पर छोड़ देते हैं। जिस वजह से कई बार हादसे भी होते हैं। यहां पर पशुुओं की गंदगी स्ट्रॉम और सीवरेज की लाइन जाम होने की दिक्कत रहती है। पिछली हाउस की मीटिंग में ये मामला उठाया गया था।
पांच साल पहले भी इस दिशा में काम शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया था। लेकिन उम्मीद है कि इस बार यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ सकता है। निगम ने खरड़ के पास एक गांव में जगह पर डेयरियां शिफ्ट करने की योजना बनाई है। पशुओं की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत फेज-11 से एयरपोर्ट रोड, एयरपोर्ट रोड से खरड़ हाईवे तक होती है। शहर में घूमने वाले अधिकतर पशु पालतू हैं। जब भी नगर निगम की टीम लावारिस पशु को पकड़ने जाती है, तो पशु मालिक नगर निगम की टीम से भिड़ जाते हैं। इतना ही नहीं टीम पर हमला कर पशुओं को छुड़ाने के मामले सामने आ चुके हैं। कुछ समय पहले लावारिस पशुओं से निपटने के लिए बलौंगी में एक नई गोशाला बनाई गई है। नगर निग निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि इस को लेकर विचार चल रहा है। जगह भी देख ली गई है। मोहाली कैटल फ्री बनेगा तो इससे इलाके के लोगों का फायदा होगा।