मोहाली में बुजुर्गों व दिव्यांगों को घर पर लगेगी कोरोना वैक्सीन की डोज, प्रशासन ने शुरू किया डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन अभियान

मोहाली में प्रशासन डोर टू डोर वैक्सीनेशन अभियान चलाने जा रहा है। डीसी गिरीश दयालन ने बताया कि प्रशासन नीड बेस्ड डोर टू डोर वैक्सीनेशन सुविधा शुरू करने जा रहा है। ये सुविधा बुजुर्ग लोगों चलने फिरने में नाकाम दिव्यांग लोगों के लिए होगी।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 02:44 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 02:44 PM (IST)
मोहाली में बुजुर्गों व दिव्यांगों को घर पर लगेगी कोरोना वैक्सीन की डोज, प्रशासन ने शुरू किया डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन अभियान
मोहाली प्रशासन डोर टू डोर वैक्सीनेशन अभियान चलाने जा रहा है।

मोहाली, जेएनएन। जिला प्रशासन डोर टू डोर वैक्सीनेशन अभियान चलाने जा रहा है। डीसी गिरीश दयालन ने बताया कि प्रशासन नीड बेस्ड डोर टू डोर वैक्सीनेशन सुविधा शुरू करने जा रहा है। ये सुविधा बुजुर्ग लोगों, चलने फिरने में नाकाम, दिव्यांग व कमजोर और जो वैक्सीन लगवाने के लिए किसी कारण जा नहीं पाए के लिए होगी। इसकी सुविधा उन महिलाओं को भी मिल सकती है जिन्होंने अभी वैक्सीनेशन नहीं लगवाई, बस उसके लिए एक ही शर्त होगी कि उस एरिया में जहां पर मोबाइल या एंबुलेंस वैक्सीन लेकर जाए कम से कम 10 महिलाएं जरूर होनी चाहिए।

ध्यान रहे कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान पुलिस प्रशासन की तरफ से बुजुर्गों के लिए फ्री वैक्सीन कैब सेवा शुरू की गई है। अब प्रशासन की ओर से ये कदम उठाया गया है। सेहत विभाग ने कहा कि क्योंकि एक वायल में 10 कोविड-19 की खुराक होती हैं। अगर वह एक बार खुल जाए तो दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। टीके की बर्बादी रोकने के लिए घर-घर वैक्सीन की शर्त में कम से कम 10 लोगों व महिलाओं के टीकाकरण की बात रखी गई है।

डीसी गिरीश दयालन ने बताया कि पूरे देश में मोहाली एक ऐसा जिला बन गया है। जहां घर-घर जाकर वैक्सीन का काम शुरू किया गया है। इसके लिए सब-डिविजन के तौर पर मोबाइल टीमें पहले की काम कर रही हैं। इस महामारी से बचाव के लिए सबसे पहले जल्द से जल्द सभी को वैक्सीन लग जाए। उन्होंने बताया कि हालांकि यह स्कीम बुजुर्ग, शरीरिक तौर पर कमजोर लोग जो चल फिर नहीं सकते, दिव्यांग आदी के लिए थी, लेकिन अब आरडब्ल्यूए में भी यह सुविधा दी जा रही है। शर्त है कि वहां पर कम से कम 30 लोग टीका लगवाने के लिए मौजूद होने चाहिए। 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग भी होने चाहिए और शेष चाहे 18 साल की उम्र से अधिक ही क्यों न हों। ऐसे करने से टीके की बर्बादी को भी रोका जा रहा है।

प्रशासन ने बताया कि जिन लोगों को घर-घर जाकर टीकाकरण किया जा रहा है उन सब का रिकॉर्ड गुगल शीट पर भरा जा रहा है। ताकि रिकॉर्ड मेंटेन किया जा सके। डीसी ने बताया कि 24 से 48 घंटे के भीतर सब-डिविजन के तौर पर बनाई गई टीमें उस एरिया में जाती हैं जहां पर टीम को बुलाया जाता है। ताकि जल्द से जल्द सब को टीका लगाया जा सके। वहां पर टीम लाभार्थी का टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक इंतजार भी करती है ताकि इंजेक्शन के बाद किसी को कोई दिक्कत परेशानी तो नहीं आ रही।

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