मॉडल जेल का खाना देश में सबसे बेहतर
बुड़ैल मॉडल जेल के कैदियों की बनाई मिठाई और खाने की मांग बड़े स्तर पर रहती है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बुड़ैल मॉडल जेल के कैदियों की बनाई मिठाई और खाने की मांग बड़े स्तर पर रहती है। मंत्री से लेकर जज तक जेल का खाना मंगवाकर चखते हैं। इसके पीछे वजह जेल का खाना खाने से जुड़ा अंधविश्वास ही नहीं है, बल्कि खाने की गुणवत्ता भी है। अब इस गुणवत्ता पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) ने भी अपनी मुहर लगा दी है। एफएसएसएआइ ने चंडीगढ़ मॉडल जेल को देश की पहली ईट राइट जेल कैंपस घोषित किया है। इसमें मॉडल जेल को विभिन्न मानकों पर परखने के बाद फाइव स्टार रेटिग दी गई है। जो सबसे बेहतर रेटिग होती है। ऐसे किसा गया मूल्यांकन
एफएसएसएआइ ने चार पैमानों के आधार पर बेंच मार्क तय किया था जिस पर कैंपस का ईट राइट कैंपस के लिए मूल्यांकन कर सर्टिफाई किया जाना था। इन पैमानों में फूड सेफ्टी मानक, हेल्दी एंड इन्वायरमेंटली सस्टेनेबल फूड सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाना और कैंपस में प्रत्येक व्यक्ति तक अच्छे भोजन का चयन करने की जागरूकता पहुंचाना शामिल है। इन पैरामीटर के आधार पर चेकलिस्ट बनाई गई थी जिसमें फूड सेफ्टी एक्ट को ध्यान में रखते हुए सभी तरह की एहतियात बरती जाती है। जेल की किचन को इन्हीं मानकों के तहत तैयार किया गया। एफएसएसएआइ ने थर्ड पार्टी से कराया ऑडिट
यह कीर्तिमान फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के मार्गदर्शन में रचा गया। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट और मॉडल जेल अथॉरिटी ने मिलकर इस पर काम किया। दोनों की ज्वाइंट टीम ने फूड सेफ्टी और स्वच्छता पर प्री असेस्टमेंट किया। इसमें उन एरिया की पहचान की गई जहां सुधार की जरूरत थी। किचन में काम करने वाले कैदियों की फूड सेफ्टी प्रोग्राम के तहत ट्रेनिग कराई गई। इसके बाद एफएसएसएआइ के पैनल में शामिल एजेंसी से थर्ड पार्टी ऑडिट कराया गया। यह रिपोर्ट एफएसएसएआइ गवर्नमेंट ऑफ इंडिया को भेजी गई।
यह है ईट राइट कैंपस
देशभर की यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, कॉलेज और जेल जैसे कैंपस में सेफ, हेल्दी और रोजाना उसी स्तर का भोजन उपलब्ध कराने के लिए ईट राइट कैंपस कैंपेन एफएसएसएआइ ने शुरू किया। इससे कैंपस में अच्छा गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराने को बढ़ावा दिया जा सके। यह जेल इसलिए खास
मॉडल जेल देश की पहली ऐसी जेल है जहां सिर्फ कैदियों के लिए ही नहीं बल्कि क्रेच, आंगनबाड़ी और स्कूलों के बच्चों के लिए भी खाना बनता है। उच्च गुणवत्ता की वजह से खाने की मांग इतनी बढ़ी कि जेल ने सेक्टर-22 में सृजन नाम से शॉप खोली। अब इस शॉप पर खाने की थाली के साथ मिठाइयां तक मिलती हैं। खोए की बर्फी, गुझियां और बेसन की बर्फी के लिए लाइन लगती है।
एफएसएसएआइ ने जेल में बनने वाले खाने, वह किस कंडीशन में और किस स्तर की सामग्री के इस्तेमाल से बन रहा है इसको लेकर ऑडिट कराया। इसमें मॉडल जेल को देश की पहली ईट राइट जेल चुना गया है। खाना बनाने वालों की ट्रेनिग भी इसी आधार पर हुई है। एक तरफ जहां जेल का खाना बच्चों को देने की सोची भी नहीं जाती वहीं दूसरी ओर मॉडल जेल देश की पहली जेल है जहां क्रेच, आंगनबाड़ी तक में खाना भेजा जाता रहा है। इसके अलावा जेल में बनी मिठाई, थाली की मांग भी खूब रहती है। जो भी शख्सियत जेल में आती है वह इसकी तारीफ तो करती ही है मानकों को देख दंग रह जाते हैं।
- विराट, एआइजी कम सुपरिटेंडेंट मॉडल जेल, चंडीगढ़