मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने दी नवजोत सिंह सिद्धू को नसीहत, कहा जिम्मेदार नेता की तरह करेें व्यवहार
अपनी बयानबाजी के कारण नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने नवजोत सिंह सिद्धू को नसीहत दी है कि वह एक जिम्मेदार नेता की तक व्यवहार करें।
जेएनएन, चंडीगढ़। अपनी बयानबाजी सेे सरकार को परेशानी में डालने के कारण नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। पंजाब के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू का बार -बार पार्टी लीडरशिप के खिलाफ बोलना उनका पार्टी के प्रति गैर जिम्मेदार रवैया और अनुशासनहीनता को दर्शाता है। मंत्री ने सिद्धू को याद दिलाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने पंजाब का चुनाव लड़कर शानदार जीत हासिल की थी और पार्टी हाईकमान ने ही उनको पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है।
सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री के योग्य और दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब में कांग्रेस पहले से और अधिक मजबूत हुई है। नवजोत सिंह सिद्धू का बार-बार मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर सवाल उठाना सीधे तौर पर पार्टी लीडरशिप पर उंगली उठाने के समान है। मंत्री ने कहा कि सिद्धू को यदि कोई समस्या है तो वह एक जिम्मेदार नेता के तौर पर पार्टी के सामने अपनी बात रखें, लेकिन उनका बार-बार सोशल मीडिया और सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना पार्टी को कमजोर करता है।
उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को अनुशासन में रहते हुए पार्टी नीतियों का सम्मान करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पिछले समय में नवजोत सिंह सिद्धू की कारगुजारी से शहरी वोटरों में नाराजगी के चलते मुख्यमंत्री ने जनहित में इनका विभाग बदल दिया था और अब भी इन्होंने पार्टी के हुक्मों की परवाह न करते हुए दूसरा विभाग ज्वाइन नहीं किया, बल्कि समय-समय पर पार्टी नेताओं और मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने से बाज नहीं आए।
उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू को पूरा मान-सम्मान दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी कैबिनेट में उनको उच्च पद दिया, इसके बावजूद वह पार्टी और जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा देश हित के लिए काम किया है और जनता की भावनाओं को पहल दी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पार्टी की नीतियों और अनुशासन का भी बहुत महत्व है, जिससे कभी समझौता नहीं किया जा सकता।