हर आंख थी नम, उड़न सिख को अंतिम विदाई

एक ओलंपियन (धावक) के तौर पर अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन से करोड़ो भारतीयों के दिलों में खास जगह बनाने वाले उड़न सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:09 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 12:14 AM (IST)
हर आंख थी नम, उड़न सिख को अंतिम विदाई
हर आंख थी नम, उड़न सिख को अंतिम विदाई

विकास शर्मा, चंडीगढ़

एक ओलंपियन (धावक) के तौर पर अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन से करोड़ो भारतीयों के दिलों में खास जगह बनाने वाले उड़न सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। कोरोना संक्रमण के बाद से पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज के दौरान शुक्रवार रात उनका निधन हो गया था।

वैसे तो कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर सिर्फ कुछ ही लोगों को उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति थी, लेकिन मिल्खा सिंह की शख्सियत का जादू ऐसा था कि सेक्टर -8 स्थित उनके आवास से महज चंद लोगों के साथ निकली शव यात्रा के सेक्टर-25 स्थित श्मशानघाट तक पहुंचने से पहले यह काफिले में तब्दील हो चुकी थी। नम आंखों से सैकड़ों लोगों ने मिल्खा सिंह को अंतिम विदाई दी। मिल्खा सिंह को चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने एक साथ मिलकर गार्डऑफ ऑर्नर दिया। इसके बाद बेटे जीव मिल्खा सिंह (अंतरराष्ट्रीय गोल्फर)ने उन्हें मुखाग्नि दी। खेल मंत्री किरण रिजिजू पहुंचे, दी श्रद्धांजलि

इस दौरान पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ प्रशासक वीपी सिंह बदनौर, केंद्रीय खेलमंत्री किरण रिजिजू, पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और हरियाणा के खेलमंत्री संदीप सिंह, पीजीआइ के डायरेक्टर पद्मश्री डॉ. जगत राम और सैन्य व प्रशानिक अधिकारी खासतौर पर मौजूद रहे। कोविड भी जुदा नहीं कर पाया माता-पिता का प्यार

मिल्खा सिंह के पुत्र पद्मश्री जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में नहीं सोचा था कि महज पांच दिनों के अंदर माता-पिता दोनों ही उनसे इस तरह छोड़कर चले जाएंगे। उन्हें हमेशा लग रहा था कि पिता मिल्खा सिंह और मां निर्मल कौर मिल्खा सिंह यकीनन कोविड को हरा पाएंगे। पिता मिल्खा सिंह ने तो कोविड को हरा भी दिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की वजह से उनका 18 जून को पीजीआइ में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके जाने का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर भी दिल को तसल्ली दे रहा हूं कि कोरोना भी मेरे माता-पिता के प्यार को जुदा नहीं कर पाया। इसीलिए उनकी अंतिम यात्रा में भी परिवार ने निर्मल मिल्खा सिंह की फोटो उनके साथ भेज दी है। शायद ईश्वर को यही मंजूर था। मिल्खा सिंह के सपने को करेंगे पूरा : किरण रिजिजू

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए केंद्रीय खेलमंत्री किरण रिजिजू खासतौर पर दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंचे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। रिजिजू ने कहा कि मिल्खा सिंह का जाना खेल जगत के लिए बड़ी क्षति है, जिसे पूरा नहीं किया जा सकता। वह देश के महान खिलाड़ी थे। उन्होंने उस समय देश का नाम दुनिया में चमकाया,जब भारत के बारे में खेल जगत से जुड़े दुनिया के ज्यादातर लोग नहीं जानते थे। उन्होंने कड़ी मेहनत और और संघर्ष के बाद सफलता हासिल की थी, इसलिए वे देश के युवाओं के लिए हमेशा एक प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे। वह कुछ समय पहले मिल्खा सिंह से मिले थे और तब खेल के बारे में चर्चा के दौरान मिल्खा सिंह ने उन्हें अपने सपने के बारे में बताया था। तब मैंने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनके सपने को पूरा करने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं देश में ऐसे खिलाड़ियों को तैयार किया जाएगा, जो मिल्खा सिंह के सपने को पूरा करेंगे और एथलेटिक्स में भारत को ओलंपिक पदक दिलवाएंगे। कैप्टन अमरिदर और मनोहर लाल सहित तमाम लोगों ने दी श्रद्धांजलि

इससे पहले परिवार की तरफ से शनिवार को उनका पार्थिव शरीर सेक्टर -8 स्थित उनके निवास स्थान पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। जहां पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह, वित्तमंत्री मनप्रीत बादल सिंह, सुखदेव सिंह ढींढसा,अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा व ब्रिकम सिंह मजीठिया, आम आदमी पार्टी ने राघव चड्डा और हरियाणा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता समेत कई राजनैतिक व खेल हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर परिवार के साथ दुख साझा किया।

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