कांट्रैक्ट कर्मियों को रिलीव करने में अब एमएचए का हस्तक्षेप, प्रशासन को जल्द बेहतर निर्णय लेने के लिए कहा
प्रशासन के विभिन्न विभागों में लगातार कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी जा रही है । जिसके कारण जहां कर्मचारी परेशान है वहीं पर विभागों की व्यवस्था भी खराब होती नजर आ रही है। ऐसे में अब एमएच की तरफ से गाइडलाइन जारी हुई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। प्रशासन के विभिन्न विभागों में लगातार कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी जा रही है । जिसके कारण जहां कर्मचारी परेशान है वहीं पर विभागों की व्यवस्था भी खराब होती नजर आ रही है। ऐसे में अब एमएच की तरफ से गाइडलाइन जारी हुई है, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन को कांट्रैक्ट कर्मचारियों के विषय में जल्द से जल्द बेहतर निर्णय लेने के लिए कहा गया है।
शिक्षा विभाग को 22 अक्टूबर को मिला आदेश
एमएचए की तरफ से चंडीगढ़ प्रशासन को 19 अक्टूबर को निर्देश जारी किया था , जिसे 22 अक्टूबर को प्रशासन ने शिक्षा विभाग को जारी किया। जिसमें क्लियर लिखा गया है कि कांट्रैक्ट कर्मचारियों की रिलीविंग के लिए जो भी उचित कदम हो उठाए जाएं।
कांट्रैक्ट के चक्कर में टीचर्स और कर्मचारी खो चुके हैं नौकरी
शिक्षा विभाग में कार्यरत 155 कंप्यूटर टीचर कांट्रैक्टर के चक्कर में अपनी नौकरी से हाथ धो चुके हैं । इसके अलावा कई फोर्थ क्लास को भी लगातार परेशान किया जा रहा है। कांट्रैक्टर कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि उन्हें काम पर बने रहने के लिए पैसे दें, नहीं तो उनकी जगह पर किन्ही दूसरे कर्मचारियों को नियुक्त कर लिया जाएगा। ऐसे में कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग सहित प्रशासन के विभिन्न विभागों में शिकायत भी की है। जिस पर अभी तक विभाग के किसी भी कर्मचारी द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है ।
कंप्यूटर टीचरों को कैट मिल चुकी है राहत
एमएचए की गाइडलाइन जारी होने से पहले सरकारी स्कूलों में कार्यरत कंप्यूटर टीचरों को कैट द्वारा स्टे मिल गई है। एक अक्टूबर को जब शिक्षा विभाग ने टीचर्स को कार्यमुक्त किया तो उसके बाद टीचर ने प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगाने के साथ-साथ कैट में भी केस दायर किया था जिसकी सुनवाई में 21 अक्टूबर को फैसला देते हुए शिक्षा विभाग के निर्णय पर रोक लगा दी थी 27 नवंबर को अक्टूबर को टीचर्स को रिलीव करने के विषय में शिक्षा विभाग से जवाब भी मांगा गया है।
टीचर्स ने जताई खुशी
कैप में स्टेप आ चुके इसने एम एच ए के हस्तक्षेप पर खुशी जाहिर की है टीचर्स का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से हमारे मामले में बोलना हमारे लिए हितकर और शिक्षा विभाग के लिए लाभदायक रहेगा।