‘सोलर-सिटी चंडीगढ़’ विषय पर बैठकः शहर में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने वाले फॉसवेक लीडर्स सम्मानित

फॉसवेक ने सोलर सिटी चंडीगढ़ विषय पर बैठक करवाई। बैठक में शहर की करीब 72 से ज्यादा प्रमुख रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशंस के 150 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन फॉसवेक लीडर्स को सम्मानित किया गया जिन्होंने शहर में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए काम किया है।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 01:03 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 01:03 PM (IST)
‘सोलर-सिटी चंडीगढ़’ विषय पर बैठकः शहर में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने वाले फॉसवेक लीडर्स सम्मानित
चंडीगढ़ में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने वाले फॉसवेक लीडर्स को सम्मानित करते देबेंद्र दलाई।

चंडीगढ़, जेएनएन। फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशंस चंडीगढ़ (फॉसवेक) की ओर से रविवार को सेक्टर-35 स्थित एक निजी होटल में ‘सोलर-सिटी चंडीगढ़’ विषय पर बैठक आयोजित की गई। इसमें शहर की करीब 72 से अधिक प्रमुख रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशंस के 150 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

चंडीगढ़ के पर्यावरण विभाग के निदेशक व मुख्य वन संरक्षक तथा क्रेस्ट के सीईओ देबेंद्र दलाई इस बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए जबकि फॉसवेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंहं बिट्टू ने बैठक की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से फॉसवेक, पर्यावरण विभाग और शहर की स्वयंसेवी संस्था युवसत्ता की ओर से संयुक्त भारत अभियान कैंपेन के तहत किया गया था।

इस मौके पर देबेंद्र दलाई ने अपने सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए बेहतर काम करने वाले फॉसवेक के कुछ सदस्यों को सम्मानित किया। जिनमें आरडब्ल्यूए-38 के पंकज गुप्ता, आरडब्ल्यूए-8 के आरएस गिल, आरडब्ल्यूए-21 की कमल बराड़, आरडब्ल्यूए-22 के रविंदर कश्यप और आरडब्ल्यूए-20 के डॉ.नागिंदर सिंह शामिल हैं।

देबेंद्र दलाई ने कहा कि चंडीगढ़ अब देश में सोलर सिस्टम की स्थापना में एक अग्रणी शहर है और हमारे कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अब तक इसे ग्रीन एनर्जी को अपनाने के लिए एक जन आंदोलन का रूप ले लेना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में, रेजीडेंशियल मकानों में सोलर सिस्टम स्थापित करने की लागत घटकर लगभग आधी हो गई है और 5 केवी सोलर सिस्टम की लागत अब रु 1,40,000 रुपये है और करीब 10,000 रुपये मीटरिंग चार्जेस हैं। अब शहर में एक कनाल या इससे अधिक के घरों पर सोलर पैनल्स लगवाने की डेडलाइन 31 मार्च है। लोग अब कैपेक्स (कैपिटल एक्सपेंडिचर बाय ओनर) या रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मॉडल के तहत सोलर पैनल लगवा सकते हैं। जोनों के बारे में अधिक जानकारी वेबसाइट www.solarchandigarh.com पर ली जा सकती है।

मीटिंग में बलजिंदर सिंह बिट्टू ने प्रतिभागी निवासियों को अपने अपने पड़ोस में सोलर सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान लागू टैरिफ की तुलना में उन्हें सस्ती सोलर पावर मिलेगी तथा छत पर सोलर प्लांट के संचालन और रखरखाव पर खर्च शून्य होता है। सौर पैनल्स छत के लिए इंसुलेटर के रूप में कार्य करते हैं और इस प्रकार टॉप फ्लोर के एसी के लोड को सीधा कम करते हैं। ऐसे में लोग ग्रीन पॉवर जेनरेटर बनकर खुद पर गर्व महसूस करेंगे।

आरडब्लूए, सेक्टर-8 के रनविंदर सिंह गिल ने कहा कि रूफटॉप सोलर पीवी सिस्टम घर में एक ऐसा उपकरण है जो आपके पैसे बचाता है जबकि बाकी सारे आपके पैसे खर्च कराते हैं। क्रेस्ट के सुखविंदर सिंह ने प्रेजेंटेशन देते हुए उन लोगों के बारे में बताया जिन्होंने अपने घरों में सोलर सिस्टम इंस्टॉल कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि सोलर फिट एंड फॉरगेट सिस्टम है जो आपकी जेब में चुपचाप पैसे डालता रहता है। हालांकि इसमें कुछ रखरखाव की जरूरत है।

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