एमसीएम कॉलेज ने किया सर्वे, 15 से 21 साल की बेटियों के साथ ज्यादा होती है ऑनलाइन हैरासमेंट

इंटरनेट हर इंसान की जरूरत बन चुका है। लेकिन इसके इस्तेमाल से फायदे के साथ हैरासमेंट भी हो रही है। इस बात का खुलासा एमसीएम डीएवी कॉलेज सेक्टर-36 द्वारा किए गए एक सर्वे में हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:42 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 12:45 PM (IST)
एमसीएम कॉलेज ने किया सर्वे, 15 से 21 साल की बेटियों के साथ ज्यादा होती है ऑनलाइन हैरासमेंट
एमसीएम कॉलेज ने किया सर्वे, 15 से 21 साल की बेटियों के साथ ज्यादा होती है ऑनलाइन हैरासमेंट

जागरण संवादताता, चंडीगढ़ : इंटरनेट हर इंसान की जरूरत बन चुका है। लेकिन इसके इस्तेमाल से फायदे के साथ हैरासमेंट भी हो रही है। इस बात का खुलासा एमसीएम डीएवी कॉलेज सेक्टर-36 द्वारा किए गए एक सर्वे में हुआ है। यह सर्वे प्रोफेसर डॉ. ममता रत्ती और डॉ. मीनाक्षी राणा ने मिलकर किया था। सर्वे में आठ सौ लड़कियों और महिलाओं ने भाग लिया। सर्वे में शामिल महिलाएं और युवतियों की उम्र 15 से 64 साल की थी। सर्वे में सौ सवाल पूछे गए थे जो कि इंसान के आम जीवन से जुड़े हुए थे। हैरानी वाली बात सामने यह आई कि सबसे ज्यादा ऑनलाइन हैरासमेंट दसवीं कक्षा से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही छात्राओं के साथ हुई है। यह लड़कियों पढ़ाई के साथ-साथ इंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही हैं और इनकी निजी जानकारी से लेकर कई तरह की जानकारी लीक होने के साथ इन्हें हैरासमेंट का शिकार होना पड़ा है। सर्वे में शामिल 15 से 21 साल की 83 प्रतिशत छात्राओं ने माना कि उनके साथ कई प्रकार की हैरासमेंट हुई है। वहीं सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि 10 प्रतिशत वìकग वुमेन ने भी माना कि उनके साथ हैरासमेंट हुई है। वहीं घर से निकलकर बाहर काम करने वाली मात्र तीन प्रतिशत महिलाओं ने माना कि उनके साथ इंटरनेट के जरिये हैरासमेंट का शिकार होना पड़ा है। यूथ है ज्यादा हरासमेंट का शिकार

सर्वे में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि 88 प्रतिशत अविवाहित बेटियों ने माना कि उनके साथ हैरासमेंट हुई है जबकि 12 प्रतिशत विवाहित महिलाएं मानती हैं कि चाहे बैंकिंग के नाम पर, ऑनलाइन शॉपिंग के लिए या फिर अन्य किसी अन्य कारणों से उन्हें भी ऑनलाइन हैरासमेंट का शिकार होना पड़ा है।

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