विज्ञापन शुल्क से कमाई करने में एमसी फिसड्डी, अब बाजारों से उतरेंगे अवैध बोर्ड
बोर्ड लगे हुए हैं उन्हें हटाया जाएगा। ऐसे में शहर के व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : नगर निगम इस समय विज्ञापन शुल्क से कमाई करने में फिसड्डी साबित हो रहा है जबकि चंडीगढ़ जैसे शहर में विज्ञापन की काफी मांग है। इसलिए अब नगर निगम ने फैसला लिया है कि शहर की कमर्शियल इमारतों, दुकानों, बाजारों, बूथों के अलावा जगह-जगह जहां जहां पर अवैध विज्ञापन बोर्ड लगे हुए हैं, उन्हें हटाया जाएगा। ऐसे में शहर के व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। बोर्ड लगाने का डिजाइन प्रशासन ने किया है तैयार
इस समय हर कमर्शियल इमारत और दुकान में सीमित जगह पर बोर्ड लगाने का डिजाइन प्रशासन ने तय किया हुआ है लेकिन लोग इससे ज्यादा साइज का बोर्ड लगाते हैं। विज्ञापन कंट्रोल एक्ट के तहत पॉलिसी तय है। नियमों के अनुसार संबंधित दुकानदार सिर्फ अपनी दुकान की ही प्रमोशन कर सकता है लेकिन इस समय कई दुकानदारों ने ब्रांडेड कंपनियों के विज्ञापन बोर्ड लगाए हुए हैं। हाल ही में नगर निगम कमिश्नर केके यादव के नेतृत्व में बैठक हुई थी जिसमें एक कमेटी का गठन किया गया। प्रशासन से बात करेगी कमेटी
कमेटी में संपदा विभाग के बिल्डिंग ब्रांच के एसडीओ, ओएसडी, अतिक्रमण हटाओ दस्ते के इंस्पेक्टर, वास्तुकार और एसडीओ रोड विग को शामिल किया गया है। यह कमेटी प्रशासन से बात करके अलग-अलग मार्केटों की दुकानों में लगने वाले मंजूरशुदा विज्ञापन बोर्ड के डिजाइन और नक्शे इकट्ठे करेगी। कमेटी पूरे शहर का सर्वे करके अवैध विज्ञापन बोर्ड की सूची तैयार करेगी। इन सब काम के लिए कमिश्नर ने एक माह का समय तय किया है। वेंडरों को हटाने की तर्ज पर चलेगा अभियान
कमिश्नर का मानना है कि जगह-जगह अवैध विज्ञापन बोर्ड लगाने से ही कोई नगर निगम के पास शुल्क जमा करवाकर विज्ञापन करने की मंजूरी लेने के लिए नहीं आता है जबकि यहां पर विज्ञापन का काफी स्कोप है। कमिश्नर ने अधिकारियों को कहा है कि जिस तरह से शहर के बाजारों में वेंडर्स को हटाने का अभियान चलाया गया था, उसी स्तर पर अवैध विज्ञापन बोर्ड हटाने का अभियान छेड़ा जाए। व्यापारियों का झेलना होगा विरोध
इस समय शहर के प्रमुख बाजार सेक्टर-17, 19, 22, 15, 23, 34, 35 में भी अवैध विज्ञापन बोर्ड की भरमार लगी हुई है। जोकि हेरिटेज के भी खिलाफ हैं। ऐसे में एक माह बाद जब अवैध विज्ञापन बोर्ड हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा उस समय नगर निगम को व्यापारियों का रोष भी झेलना होगा। चार साल पहले भी जब सेक्टर-9 और 17 में अभियान चलाया था तो डीसी और नगर निगम की टीमों को व्यापारी लॉबी के कारण अभियान बीच में रोकना पड़ा था। कई व्यापारियों ने तो अपनी दुकानों के बोर्ड पर भी लाखों रुपये का खर्चा किया हुआ है। शहर के पब्लिक टॉयलेट्स पर विज्ञापन का टेंडर फेल
नगर निगम शहर के पब्लिक टॉयलेट्स की इमारतों पर विज्ञापन की मंजूरी देकर कमाई करना चाहता है। इसके लिए नगर निगम ने पिछले माह टेंडर भी निकाला लेकिन एक भी कंपनी ने बिड नहीं दी है। मालूम हो कि नगर निगम ने यह फैसला लिया था कि पहले फेज में शहर के 55 पब्लिक टॉयलेट्स पर विज्ञापन की मंजूरी देने का टेंडर निकाला जाए। जबकि उस समय 190 पब्लिक टायलेट्स पर विज्ञापन करने की मंजूरी देने का प्रस्ताव आया था लेकिन सदन ने दो हजार रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से पहले इन 55 पब्लिक टॉयलेट्स पर विज्ञापन की मंजूरी देने का निर्णय लिया। यह 55 पब्लिक टॉयलेट्स शहर के प्राइम लोकेशन में स्थित हैं।