चंडीगढ़ में मेयर चुनाव के बाद अनुबंध कमेटी का सदस्य बनने के लिए मचा घमासान, 27 को होगा चुनाव
चंडीगढ़ में मेयर रविकांत शर्मा ने अनुबंध कमेटी के चुनाव की घोषणा कर दी है। 17 जनवरी मंगलवार को नामांकन की तारीख तय की है। ऐसे में सोमवार को भाजपा अपने चार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी। अनुबंध कमेटी के पांच सदस्यों के लिए चुनाव होना है।
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। मेयर चुनाव के बाद अब नगर निगम की सबसे अहम कमेटी का सदस्य बनने के लिए पार्षदों में लाबिंग शुरू हो गई है। मेयर रविकांत शर्मा ने अनुबंध कमेटी के चुनाव की घोषणा कर दी है। 17 जनवरी(मंगलवार)को नामांकन की तारीख तय की है। ऐसे में सोमवार को भाजपा अपने चार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी। अनुबंध कमेटी के पांच सदस्यों के लिए चुनाव होना है। अगर पांच से ज्यादा उम्मीदवार नामांकन करेंगे तो 27 जनवरी को इस साल की पहली सदन की बैठक में चुनाव होंगे।
मेयर रविकांत शर्मा भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद और सगठन मंत्री दिनेश कुमार से सलाह करके उम्मीदवार तय करेंगे। मालूम हो कि वित्त एवं अनुबंध कमेटी नए वित्तीय सत्र के लिए बजट तय करेगी। अनुबंध कमेटी की पहली बैठक 29 जनवरी को होगी जिसमे चुने गए नए सदस्य बजट तय करेंगे। इसके साथ ही मेयर बजट पर विशेष सदन की बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। पांच फरवरी को बजट के लिए विशेष सदन की बैठक तय की गई। सदन बजट पास करके मंजूरी के लिए प्रशासन को भेजेगा। नए वितीय सत्र के लिए नगर निगम ड्राफ्ट बजट बनाने लग गया है।
इसलिए यह कमेटी है अहम
यह नगर निगम की सबसे अहम कमेटी है जिसमे नगर निगम की वितीय से जुड़े हर मामलों के अलावा नीतिगत फैसले लिए जाते हैं। शहर के विकास से जुड़ा 25 लाख रुपये की लागत से ज्यादा जुड़ा प्रस्ताव इस कमेटी में ही पास होने के लिए आता है। ऐसे में भाजपा पार्षदों में इस कमेटी का सदस्य बनने की होड लग गई है। पार्टी के पूर्व मेयर और सीनियर पार्षद भी सदस्य बनने के लिए लाबिंग कर रहे हैं। इस कमेटी की चेयरमैन खुद मेयर होता है। कमेटी की बैठक में कमिश्नर के अलावा सभी अधिकारी मौजूद होते हैं। कमेटी का सदस्य बनने के लिए अभी से पार्षदों ने मेयर रविकांत शर्मा को संपर्क करना शुरू कर दिया है।
भाजपा चार उम्मीदवार उतारेगी मैदान में
इस कमेटी के कुल पांच सदस्यों के लिए चुनाव होता है। ऐसे में भाजपा अपनी संख्या के अनुसार चार ही उम्मीदवार मैदान में उतारेगी जबकि कांग्रेस के लिए एक सीट छोड़ी जाएगी। अगर भाजपा चार से ज्यादा या कांग्रेस एक से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में उतारती है तो चुनाव होंगे नहीं तो सर्वसम्मित से सदस्य चुन लिए जाएंगे। कांग्रेस की ओर से सतीश कैंथ या पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला को बनाया जा सकता है।
साल 2017 में हुआ था चुनाव, भाजपा की हीरा हार गई थी
साल 2017 में वित्त एवं अनुबंध कमेटी का चुनाव हुआ था। उस समय भाजपा ने कांग्रेस के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी थी जिसका खामियाजा भाजपा को झेलना पड़ा। गुटबाजी और क्रास वोटिंग के कारण उस समय अनुबंध कमेटी चुनाव की उम्मीदवार हीरा नेगी चुनाव हार गई और कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र सिंह बबला चुनाव जीत गए जबकि उस समय कांग्रेस के चार ही पार्षद थे। उसके बाद से भाजपा ने सबक लेते हुए खुद ही कांग्रेस के लिए एक सीट छोड़नी शुरू कर दी।
भाजपा में यह है दावेदार
भाजपा में शक्तिदेव शाली, भरत कुमार, हीरा नेगी, चंद्रवती शुक्ला, सुनीता धवन, आशा जसवाल और गुरप्रीत ढिल्लों को दावेदार माना जा रहा है। लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी के आला नेता करेंगे।
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