मोहाली नगर निगम चुनाव में कई पूर्व पार्षद इस बार नहीं उतरेंगे मैदान में, पत्नियों पर भी नहीं लगा सकते दांव, जानिए वजह

निगम के सभी वार्डों में 2 हजार से लेकर 3800 के बीच जनसंख्या है। निगम चुनाव के लिए वोट बनाने का काम शुरू हो गया है जोकि 15 दिसंबर तक चलना है। नई वोट बनाने और शुद्धिकरण के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 11:00 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 11:00 AM (IST)
मोहाली नगर निगम चुनाव में कई पूर्व पार्षद इस बार नहीं उतरेंगे मैदान में, पत्नियों पर भी नहीं लगा सकते दांव, जानिए वजह
निगम के सभी वार्डों में 2 हजार से लेकर 3800 के बीच जनसंख्या है।

मोहाली [रोहित कुमार]। नगर निगम की ओर से जो वार्डबंदी का सर्वे करवाया गया था उसके तहत शहर की कुल आबादी 187016 है। जिसमें करीब 138478 जनरल आबादी है। जबकि 24702 बीसी और 23836 एससी जनसंख्या है। इसी के आधार पर एसी और बीसी के लिए करीब 5 वार्ड आरक्षित किए गए हैं। जबकि ऑड वार्ड महिलाओं के लिए रिजर्व रखा गया है। जिनकी संख्या कुल 50 वार्ड में से 25 बनती है। नगर निगम चुनाव को लेकर सत्तापक्ष की ओर से जो नई वार्डबंदी की गई थी उसे वार्डबंदी बोर्ड की मीटिंग में मंजूरी मिलने और फिर लोगों के एतराज लेने के बाद उसकी नोटिफिकेशन जारी की जा चुकी है दी। इसके तहत शहर के सभी 50 वार्डों की कुल जनसंख्या 1 लाख 87 हजार 16 है।

निगम के सभी वार्डों में 2 हजार से लेकर 3800 के बीच जनसंख्या है। निगम चुनाव के लिए वोट बनाने का काम शुरू हो गया है जोकि 15 दिसंबर तक चलना है। नई वोट बनाने और शुद्धिकरण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। वार्डबंदी की नोटिफिकेशन होने के बाद उम्मीदवारों ने अपने अपने एरिया में लोगों से मिलना शुरू कर दिया गया है। लेकिन जिन पूर्व पार्षदों के वार्डों को खत्म किया गया है वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगें।

कुछेक पूर्व पार्षदों के वार्डों को महिला रिजर्व कर दिया गया है। लेकिन पूर्व पार्षद अपनी पत्नियों पर भी दांव नहीं लगा सकते क्योंकि वे सरकारी नौकरी करती है। ऐसे में पूर्व अकाली पार्षदों व कांग्रेस यहां से अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहां चुनाव लड़ने की घोषणा की है जोकि वोट कटवा साबित होंगे। वार्डबंदी को लेकर पूर्व अकाली पार्षदों व भाजपा के पूर्व पार्षदों में काफी रोष है। हालांकि दोनों पार्टियों की राहें अब अलग अलग हो चुकी है।

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