प्रशासन से महासभा खफा, कहा- पहले रामलीला मंचन और अब प्रतियोगिता के लिए देरी से मिली अनुमति

चंडीगढ़ प्रशासन ने इस बार कमेटियों को रामलीला मंचन की अनुमति देरी से दी और उसके बाद प्रतियोगिता की इजाजत देने के लिए भी ज्यादा समय लगा दिया जिसके चलते परेशानी हुई है। यह कहना है केंद्रीय रामलीला महासभा का।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:51 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 02:51 PM (IST)
प्रशासन से महासभा खफा, कहा- पहले रामलीला मंचन और अब प्रतियोगिता के लिए देरी से मिली अनुमति
प्रशासन से महासभा खफा, कहा- पहले रामलीला मंचन और अब प्रतियोगिता के लिए देरी से मिली अनुमति

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ चंडीगढ़ प्रशासन ने इस बार कमेटियों को रामलीला मंचन की अनुमति देरी से दी और उसके बाद प्रतियोगिता की इजाजत देने के लिए भी ज्यादा समय लगा दिया, जिसके चलते परेशानी हुई है। यह कहना है केंद्रीय रामलीला महासभा का। एक नवंबर से कलाग्राम मनीमाजरा में शुरू होने वाली रामलीला प्रतियोगिता के लिए आयोजित प्रेस वार्ता में महासभा के सदस्यों ने कहा कि प्रशासन की देरी के चलते ज्यादातर रामलीला कमेटियां रामलीला का मंचन नहीं कर पाई। इसके अलावा दशहरा की अनुमति भी नहीं दी गई। मंचन की अनुमति समय पर मिले इसके लिए प्रशासन को सिंगल विंडो शुरू करनी चाहिए। रामलीला कमेटियों के सदस्यों को अनुमति के लिए डीसी कार्यालय, नगर निगम सहित अन्य कई दफ्तरों के धक्के खाने पड़े। प्रतियोगिता के लिए नहीं मिला टैगोर थिएटर

केंद्रीय रामलीला महासभा के महासचिव लव किशोर ने बताया कि देरी से अनुमति मिलने के कारण हम मंचन नहीं कर पाए, लेकिन हम रामलीला प्रतियोगता का आयोजन करना चाहते थे। उसके लिए भी हमने टैगोर थिएटर की डिमाड की थी। लेकिन हमें मनीमाजरा स्थित कलाग्राम का ओपन एयर थिएटर मिला। इसके लिए भी करीब एक सप्ताह का समय लगा है। इसके अलावा दशहरे से दो दिन पहले हमें मीटिंग के लिए बुलाया जा रहा था जो कि पूरी तरह से गलत था। दो दिन में 50 फीट का रावण का पुतला तैयार नहीं होता। उसके लिए लंबा समय लगता है। प्रशासन ने जानबूझ कर ज्यादा समय लगाया है। रामलीला के लिए चंदे के बजाय प्रशासन से फंडिंग की अपील

महासभा के प्रेसिडेंट बीपी सिंह गौड़ ने बताया कि हम चंदा इकट्ठा करके रामलीला करते हैं। इसके लिए प्रशासन को फंड देना चाहिए। जहा पर रामलीला कमेटियों मंचन करती हैं उन जगहों को ग्रीन बेल्ट में तबदील किया जा रहा है जो गलत है।

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