अगस्त से शहर में दौड़ने लगेंगी मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक बसें

इलेक्ट्रिक बसों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। अगस्त से आपको चंडीगढ़ की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती दिखेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:56 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:56 AM (IST)
अगस्त से शहर में दौड़ने लगेंगी मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक बसें
अगस्त से शहर में दौड़ने लगेंगी मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक बसें

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इलेक्ट्रिक बसों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। अगस्त से आपको चंडीगढ़ की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती दिखेंगी। भारतीय मल्टी नेशनल कंपनी अशोक लेलैंड यूटी प्रशासन को 40 इलेक्ट्रिक बसों की डिलिवरी देगा। इनमें से पहली खेप अगस्त के पहले सप्ताह में ही चंडीगढ़ को मिल जाएगी, जिसके बाद इन्हें 15 अगस्त से पहले शहर में चलाने की तैयारी हो रही है। इसका कारण यह भी है कि पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का कार्यकाल 22 अगस्त को पूरा हो रहा है। इलेक्ट्रिक बसों का प्रोजेक्ट उन्होंने ही शुरू कराया था। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट बदनौर के हाथों ही इन्हें शुरू कराना चाहता है। यह सभी बसें नौ मीटर साइज की बैटरी ऑपरेटिड होंगी। 60 रुपये प्रति किलोमीटर चार्ज

यह बसें यूटी प्रशासन किलोमीटर स्कीम के तहत अशोक लेलैंड से एग्रीमेंट कर चला रहा है। यह एग्रीमेंट 10 साल के लिए किया गया है। रेवेन्यू शेयरिग बेस पर बसें चलेंगी। बस के अंदर कंडक्टर सीटीयू का होगा, जबकि ड्राइवर अशोक लेलैंड का होगा। टिकट से मिलने वाला रेवेन्यू सीटीयू का होगा। बदले में सीटीयू कंपनी को फिक्स्ड 60 रुपये प्रति किलोमीटर देगा। एग्रीमेंट के अनुसार सभी मेंटेनेंस चार्ज, बस चार्जिग स्टेशन, सस्पेंशन, एचवीएसी सिस्टम, सभी तरह की रिपयेर 10 साल तक कंपनी ही करेगी। कंपनी चार्जिग स्टेशन खुद सेटअप करेगी। सभी ऑर्डिनरी बसें इलेक्ट्रिक से होंगी रिप्लेस

40 बसों की डिलिवरी सुनिश्चित होने के बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 40 अन्य बसों को हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बसें भी रेवेन्यू शेयर बेस पर ही चलाई जाएंगी। सीटीयू ने सभी ऑर्डिनरी बसों को इलेक्ट्रिक से रिप्लेस करने का प्लान तैयार कर रखा है। अभी सीटीयू के पास 514 बसें हैं। इनमें से 361 बस लोकल रूट पर चलती हैं। 153 बसें इंटर स्टेट लंबे रूट पर दौड़ती हैं। साढ़े चार साल बाद चलेंगी बस

2016 में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 20 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस समय इन बसों की कीमत करीब 32 करोड़ रुपये बन रही थी। इसके बाद यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार से फाइनेंशियल मदद मांगी, लेकिन केंद्र सरकार ने यूटी प्रशासन के प्रस्ताव को मना कर दिया। 2017 में मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज ने 40 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। जनवरी 2019 में 40 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन कोरोना महामारी के बाद खर्च को देखते हुए इस प्रस्ताव को रद कर दिया गया था। इसके बाद यूटी प्रशासन ने रेवेन्यू शेयरिग बेस पर बस चलाने का निर्णय लिया। घटेगा पॉल्यूशन लेवल

सीटीयू की इलेक्ट्रिक बसें अभी डीजल फ्यूल से चलती हैं, जिससे यह धुआं बड़ी मात्रा में छोड़ती हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) सर्दियों में 400 तक पहुंचने लगा है। पॉल्यूशन लेवल को कम करने के लिए ही इलेक्ट्रिक बस चलाने का निर्णय लिया गया था। सीटीयू की सभी ऑर्डिनरी बस इलेक्ट्रिक से रिप्लेस होती हैं तो सैकड़ों टन जहरीली गैस वातावरण में मिलने से बच जाएंगी। तीन साल में एक हजार ई-व्हीकल बिके

पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने से अब कस्टमर इलेक्ट्रिक वाहनों पर शिफ्ट हो रहा है। तीन साल में एक हजार ई-व्हीकल चंडीगढ़ में पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें एसयूवी कार भी शामिल हैं। कोरोना महामारी के दौर में ही 400 से अधिक कार रजिस्टर्ड हुई। सबसे ज्यादा ई-ऑटो रजिस्टर्ड हो रहे हैं। सेक्टर-42 लेक पर होगा चार्जिग स्टेशन

सेक्टर-42 लेक पर 800 किलोवॉट का सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है। इससे जेनरेट होने वाली एनर्जी इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिग के लिए ही होगी। सुखना लेक की पार्किंग सहित कई जगह पार्किग स्टेशन बनाए गए हैं। हालांकि इनमें से शुरू अभी कोई नहीं हुआ।

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