अफसरों की शह पर किशनगढ़ के रिहायशी इलाके में खोल दिया ठेका
अफसरों की शह पर शराब ठेकेदार नई एक्साइज पॉलिसी की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।
विशाल पाठक, चंडीगढ़
अफसरों की शह पर शराब ठेकेदार नई एक्साइज पॉलिसी की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। लिकर लॉबी के आगे एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट के उच्चाधिकारियों की एक नहीं चल रही। शराब ठेकेदारों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि अब रिहायशी इलाकों के बीचों-बीच शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। सुखना लेक के बैकसाइड पर किशनगढ़ में श्री गुरुद्वारा साहिब से महज 50 मीटर की दूरी पर शराब का ठेका खोल दिया गया है। यह ठेका रिहायशी इलाके के बीचोबीच खोला गया है। ठेके के लिए जो साइट अलॉट की गई थी, उसे वहां न खोलकर इसे किशनगढ़ के रिहायशी इलाके में खोल दिया गया। कई बार स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत डीसी मनदीप सिंह बराड़ और एईटीसी आरके चौधरी को भी की, लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। पॉलिसी के मुताबिक शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थल और रेजिडेंशियल जोन में नहीं खोल सकते ठेका
एक्साइज पॉलिसी के मुताबिक किसी भी शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थल और रेजिडेंशियल जोन से 50 मीटर के दायरे में शराब ठेका नहीं खोला जा सकता है, लेकिन किशनगढ़ में रिहायशी इलाके में ही शराब ठेका खोल दिया गया है। जोकि सुखना के पीछे सकेतड़ी को जाने वाली सड़क पर स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब से 50 मीटर के अंदर हैं। ठेकों की अलॉटमेंट के बाद साइट का निरीक्षण नहीं करता एक्साइज डिपार्टमेंट
शहर में ऐसे 10 से 12 शराब ठेके हैं, जोकि अलॉट की गई साइट के बदले कहीं और खोले गए हैं। शराब ठेकेदार अलॉट की गई साइट की जगह अपनी मनचाही साइट पर शराब ठेका खोलते हैं। और इन सबमें शराब ठेकेदारों का साथ एक्साइज डिपार्टमेंट के अफसर देते हैं। ताकि शराब ठेकेदारों के जरिए विभाग को फायदा होता रहे। अभी इस शराब ठेके के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा हैं तो एरिया के एक्साइज इंस्पेक्टर को भेजकर साइट की इंस्पेक्शन कराई जाएगी। अगर शराब ठेका किसी धार्मिक स्थल या रेजिडेंशियल जोन में आ रहा है, तो उसे यहां से शिफ्ट किया जाएगा।
-आरके चौधरी , एईटीसी, एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट दैनिक जागरण खोल रहा पोल
लिकर लॉबी पर इस मेहरबानी की दैनिक जागरण पोल खोल रहा है। शराब के ठेकेदारों की खुली लूट को प्रशासन के अफसरों ने छूट दी हुई है। दैनिक जागरण अपनी खबरों की सीरीज के तहत बता रहा है कि किस प्रकार लिकर लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियम-कायदे ताक पर रख दिए हैं।