Kisan Andolan: कहीं किसानों की आड़ में राजनीतिक दल अपना उल्लू तो सीधा नहीं कर रहे !
Kisan Andolan चुनाव के समय राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में विवाद उत्पन्न होते ही हैं और हिंसक घटनाएं हो जाती हैं। पंजाब में इस बार ऐसी घटनाओं की आशंका ज्यादा है क्योंकि पहले ही नेताओं का विरोध किसानों के नाम पर कुछ लोग कर रहे हैं।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Kisan Andolan फिरोजपुर जिले के गुरुहरसहाय में हुई घटनाएं चिंताजनक व कानून-व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह हैं। यह आशंका बढ़ती जा रही है कि चुनाव जैसे-जैसे पास आते जा रहे हैं, ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल के दौरे के दौरान किसानों ने उनका विरोध किया। सांसद ने किसानों से बात नहीं की तो उनके खिलाफ नारेबाजी हुई। अकाली नेता की गाड़ी पर किसान बैठ गए और जब हटे नहीं तो अकाली नेता ने बोनट पर बैठे किसान सहित गाड़ी चला दी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश हुई है। इस विवाद में हवाई फायर तक हो गए। शिरोमणि अकाली दल का आरोप है कि किसानों के नाम पर कांग्रेसियों ने अकाली नेताओं पर हमला व फायर किए हैं। इस तरह पूरा दिन गुरुहरसहाय ही नहीं, बल्कि फिरोजपुर में भी तनाव रहा।
आम लोगों में ऐसी घटनाओं से दहशत पैदा होना स्वाभाविक है। पुलिस-प्रशासन को पूरे प्रबंध करने चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न न हों, ऐसी घटनाएं न होने पाएं। सवाल यह उठता है कि जब सर्वविदित है कि किसान नेता, खासकर शिरोमणि अकाली दल के विधायकों-सांसदों का विरोध कर रहे हैं तो हरसिमरत कौर बादल के आने पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई? ऐसी अराजक स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए कि विरोध-प्रदर्शन के नाम पर कोई किसी नेता के वाहन पर ही बैठ जाए या राजनीतिक दलों के लोग हवाई फायर करने लगें अथवा कोई वाहन के बोनट पर ही किसी को लेता जाए।
ऐसा लगता है कि पुलिस केवल मूकदर्शक बनकर रह जाती है, क्योंकि एक ओर किसान हैं और दूसरी ओर राजनीतिक दलों के लोग तो शायद पुलिस कोई कार्रवाई करने से परहेज करती है, लेकिन इससे जो माहौल बन रहा है वह राज्य की शांति के लिए कतई उचित नहीं है। एक-दूसरे को किसान विरोधी और खुद को किसान हितैषी बताने की होड़ राजनीतिक दलों में लगी हुई है। ऐसे में किसानों को भी यह सोचना चाहिए कि कहीं उनकी आड़ में राजनीतिक दल अपना उल्लू तो सीधा नहीं कर रहे। कहीं उनके कंधे पर बंदूक रखकर निशाना तो नहीं साधा जा रहा।