सरकारी स्कूल से पढ़कर कंचन सिंगला बनीं IAS, ऐसे भरी सपनों की उड़ान

सिविल सर्विसेज में ऑल इंडिया में 35वां और ट्राईसिटी में पहला रैंक हासिल करने वाली कंचन सिंगला ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 09:44 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 09:44 AM (IST)
सरकारी स्कूल से पढ़कर कंचन सिंगला बनीं IAS, ऐसे भरी सपनों की उड़ान
सरकारी स्कूल से पढ़कर कंचन सिंगला बनीं IAS, ऐसे भरी सपनों की उड़ान

चंडीगढ़, जेएनएन। सिविल सर्विसेज ही नहीं, किसी भी फील्ड में सफलता के लिए कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। मैंने शुरू से ही आइएएस बनने का सपना देखा और आज वह साकार भी हो गया। मंगलवार को सिविल सर्विसेज का रिजल्ट आने के बाद कंचन सिंगला को फोन पर घर बधाई देने वालों की लाइन लग गई। सिविल सर्विसेज में ऑल इंडिया में 35वां और ट्राईसिटी में पहला रैंक हासिल करने वाली कंचन सिंगला ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। कंचन ने 12वीं चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 95.2 अंकों के साथ हासिल की है।

दैनिक जागरण से बातचीत में कंचन बताया कि दूसरी ही प्रयास में उन्होंने आइएएस का लक्ष्य हासिल कर लिया। 2013 में दिल्ली लॉ यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस में 10वां और क्लैट में ऑल इंडिया 62वां रैंक हासिल किया। सिरसा की मूल निवासी कंचना ने लॉ डिग्री में टॉप करने के साथ ही सात गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। पिता अनिल सिंगला सीए और मां प्रवीण सिंगला गृहिणी हैं। पेरेंट्स को अपना रोल मॉडल मानती हैं। आइएएस बनने के बाद वह एजुकेशन और महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि जिंदगी में पढ़ाई और परिवार में बैलेंस बनाकर तैयारी करने पर मंजिल मिलती है।

10 सालों में 150 से अधिक दिए आइएएस
सिविल सर्विसेज रिजल्ट में बीते 15 सालों से ट्राईसिटी के युवाओं का शानदार प्रदर्शन रहा है। बीते दस साल में ही 150 से अधिक युवाओं का आइएएस, आइपीएस में चयन हो चुका है। ट्राईसिटी के युवाओं ने ऑल इंडिया में दूसरे से लेकर 10वें स्थान पर भी कई बार कब्जा किया है। 2003 में अभिषेक जैन और 2004 में अर्शदीप ङ्क्षसह ने तीसरा स्थान हासिल किया था। 2005 में डॉ. बसंत गर्ग ने ऑल इंडिया में दूसरा स्थान पाया। 2005 में डॉ. गौरव उप्पल तीसर स्थान हासिल किया। 2012 में प्रिंस धवन ने अंतिम बार ऑल इंडिया में तीसरा स्थान हासिल किया है। लेकिन बीते पांच सालों से ट्राईसिटी की रैंकिंग टॉप टेन में नहीं रही। चंडीगढ़ से सिविल सर्विसेज में चुने जा चुकी प्रेरणा पुरी, कशिश मित्तल, कृति और तन्वी गर्ग (बहनें) प्रिंस धवन शहर में सेवाएं दे चुके हैं।  

ट्राईसिटी से सिविल सर्विसेज में बीते सालों का प्रर्दशन  
साल- कैंडिडेट का नाम
2003- अभिषेक जैन- तीसरा
2004-आर्शदीप सिंह- तीसरा
2004-शूरवीर सिंह- चौथा
2005- डॉ. बसंत गर्ग- दूसरा
2005-डॉ. गौरव उप्पल- तीसरा
2006-डॉ.गुरनीत तेज- दूसरा
2007-डॉ. अमित सैनी- दूसरा
2008- खुशबू गोयल-दसवां
2009-शरणदीप बराड़- दूसरा
2009-वरिंदर शर्मा- चौथा
2010-निधि श्रीवास्तव 27वां
2011-ललित जैन- 41वां
2012- प्रिंस धवन- तीसरा
2012 संयम अग्रवाल- 12वीं
2014- डॉ. विपिन- 14वां
2015 अभिजीत कपलिश-15वां
2016- डॉ. अमित पाल- 17 वां
2017-नव्या सिंगला - 102वां
2019 अमृतपाल कौर- 44 रैंक

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