Janmashtami 2020 : चंडीगढ़ के मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम, फूलों से सजे नंद लाला के हुए ऑनलाइन दर्शन
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सुबह की आरती मंदिरों में धूमधाम से की गई। लेकिन पहली बार मंदिरों में दही-हांडी नहीं फोड़ी गई।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। शहर के विभिन्न मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम देखने को मिली। इस्कॉन मंदिर सेक्टर-36 और मठ मंदिर सेक्टर-20 में नंद लाला के ऑनलाइन दर्शन के साथ सेवादारों ने रासलीला भी की। प्रमुख मंदिरों के अलावा शहर के कई बड़े मंदिरों में बुधवार को ही जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इसके लिए शहर के मंदिर सुबह चार बजे आरती के समय खुल गए और दिन में भक्त वहां आकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर रहे हैं और पालने को झुला रहे हैं।
मठ मंदिर में दर्शन के लिए लगी लंबी लाइनें
गौड़ीय मठ मंदिर सेक्टर-20 में सुबह की आरती के बाद सुबह दस बजे तक मंदिर के गेट को खोला गया, जिस दौरान लंबी कतारों में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचे। मुंह पर मास्क के बाद फिजिकल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन किए और पालना झुलाया।
विशेष किस्म के फूलों से सजावट
शहर के विभिन्न मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण का दरबार विशेष प्रकार के फूलों से सजाया गया है। गले में अलग-अलग रंग के गुलाबों के हार जबकि सजावट के लिए गुलाब के साथ मोगरा और गेंदे के फूलों को इस्तेमाल किया गया है ताकि दरबार की सजावट में किसी प्रकार की कमी नहीं आए।
सेवादारों ने झूमकर की आरती
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सुबह की आरती मंदिरों में धूमधाम से की गई जिसमें मंदिर के सेवादारों ने जमकर झुमते हुए रासलीला करते हुए भाग लिया।
नहीं फोड़ी गई दही मटकी
जन्माष्टमी के विभिन्न रिवाजों को पूरे रीति रिवाज से पूरा किया जा रहा है लेकिन पहली बार मंदिरों में दही-हांडी नहीं फोड़ी गई। किसी भी मंदिर में दही-मटकी फाेड़ने का कोई प्रबंध नहीं है, हालांकि प्रसाद के तौर पर कुछ मंदिरों में मखन को जरूर बांटा जा रहा है लेकिन वह मखन पैकेट बंद है।
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