जागरण सुरक्षित यातायात सप्ताहः चंडीगढ़ में नियमों की अनदेखी, अनफिट वाहन व सड़क में खामियां जान पर भारी
शहर में ड्राइविंग के समय ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अनफिट वाहन सड़क में छोटी-मोटी खामियां सहित आधे-अधूरे निर्माण कार्य के दौरान लापरवाही लगातार लोगों की जान निगल रही हैं। चंडीगढ़-मोहाली बार्डर की सड़कों सहित शहर के कई इंटर्नल सड़कों पर खामियों की वजह से 40 फीसद हादसें हो चुके है।
चंडीगढ़ [कुलदीप शुक्ला]। शहर में ड्राइविंग के समय ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, अनफिट वाहन, सड़क में छोटी-मोटी खामियां सहित आधे-अधूरे निर्माण कार्य के दौरान लापरवाही लगातार लोगों की जान निगल रही हैं। इसके अलावा देर रात मैनुअल ट्रैफिक सिग्नल पर बिना रोक-टोक ओवरस्पीड, अंधेरे में सड़क पर रांग पार्किंग भी कोहरे में खतरनाक साबित होती है। वहीं, नियमों के खिलाफ चलने वाले अनफिट वाहनों में निजी वाहन कम और सरकारी गाड़ियां ज्यादा दिखाई देती है।
सरकारी गाड़ियां: हादसा करना भी और हादसे की वजह भी
इसमें यूटी प्रशासन, नगर निगम, चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग सहित दूसरे सरकारी विंग की गाड़ियों में रिफ्लेक्टर, नंबर प्लेट, इंडिकेटर, ब्रेक सहित कई खामियां मिलती है। इसमें ट्रक, टिप्पर, ट्रैक्टर ट्राली, डंपर जैसी बड़ी गाड़ियां भी शामिल हैं। इन खामियों की वजह से सरकारी वाहन हादसा करने के साथ दूसरे वाहन चालकों के लिए भी खतरनाक साबित होती है। प्रति वर्ष सीटीयू बसों से होने वाले जानलेवा हादसों की संख्या भी कम नहीं दर्ज होती है।
जान पर भारी रफ्तार
यूटी पुलिस रिकार्ड के अनुसार 92 फीसद हादसे रफ्तार की वजह से दर्ज है। नशे में ड्राइव के साथ बिना हेलमेट ड्राइविंग हादसों के मुख्य वजह में शामिल है। इसके साथ रात के समय मैनुअल ट्रैफिक लाइट्सों पर नियमों की अनदेखी से वाहन चालक खुद के साथ दूसरों की जान जोखिम में डालते है। इसमें साइकिल, बाइक सवार के साथ पैदल चलने वालों की ज्यादा मौत दर्ज होती है।
सड़क पर रिफ्लेक्टर, बोर्ड सहित कई खामियां
चंडीगढ़-मोहाली बार्डर की सड़कों सहित शहर के कई इंटर्नल सड़कों पर खामियों की वजह से 40 फीसद हादसें हो चुके है। इसमें कई छोटे चौक पर रिफ्लेक्टर, मानक, कई टर्न से पहले चेतावनी बोर्ड नही होने सहित साइकिल ट्रैक और उसके साथ वाली सड़क पर लाइट्स की कमी से ज्यादातर हादसे होते है। कई जगह छोटे चौक नहीं होने और कई छोटे चौक की विजिबिलटी नहीं होने से भी हादसें होते है।
सड़क निर्माण के आधे-अधूरा कार्य भी हादसे की वजह
शहर में सड़क निर्माण के आधे-अधूरे कार्य के दौरान वर्कर की लापरवाही से भी हादसों में प्रति वर्ष लोग जान गंवाते है। सड़क पर गड्डे, टूटी सड़कें का अधूरे काम की वजह से वाहन चालक कोहरे की वजह से गिर जाते है। कोहरे के समय इसकी विजिबिलटी 80 फीसद कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में निर्माण कार्य के जिम्मेदार की जिम्मेदारी दो-गुनी बढ़ जाती है।
सड़क पर किसकी कितनी मौत
2019 मौत
टू-व्हीलर 44
पैदल 34
साइकिल सवार 10
आटो सवार 7
जीप/कार 3
रिक्शा 1
ट्रक 1
शहर में सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह में नियमों की अनदेखी कर वाहनों की ड्राइविंग, कोहरे के समय सड़क पर खामियां सहित निर्णाण कार्य के अधूरे काम भी साबित होती है। वहीं, हादसों की वजह बनने वाले अनफिट सरकारी वाहनों की संख्या काफी ज्यादा है। कोहरे के समय इस तरह के स्तर पर सुधार करने के वाहन चालक की जिम्मेदारी दो-गुनी बढ़ा जाती है।
-हरमन सिद्धू, अराइव सेव संस्था के संस्थापक।