सत्ता के गलियारे से : पंजाब के सीएम साहब क्या पीएम से कम हैं, पढ़े पंजाब की और भी रोचक खबरें

पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी हेलीकाप्टर में फाइलें निपटाते नजर आए। सीएम की यह फोटो खूब वायरल हुई। कुछ दिनों पहले पीएम भी हवाई जहाज में फाइलें निपटाते नजर आए थे। सत्ता के गलियारे से कालम में पढ़ें कुछ ऐसी ही रोचक खबरें...

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:06 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:06 AM (IST)
सत्ता के गलियारे से : पंजाब के सीएम साहब क्या पीएम से कम हैं, पढ़े पंजाब की और भी रोचक खबरें
हेलीकाप्टर में फाइलें निपटाते सीएम चरणजीत सिंह चन्नी। फोटो सीएमओ के ट्विटर अकाउंट से

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हवाई जहाज में फाइलें निकालने का फोटो काफी वायरल हुआ था। अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी कहां पीछे रहने वाले थे। वह जबसे मुख्यमंत्री बने हैं, तबसे पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से ठीक उलट कार्यशैली में काम कर रहे हैं। वह आम लोगों से मिल रहे हैं। स्टेज पर युवाओं के साथ नाच रहे हैं। रोड साइड लगी चाय की दुकानों पर बिना झिझक चाय पी रहे हैं। अगर कोई गरीब व्यक्ति उनसे इंसाफ की गुहार लगाने आता है तो उसके पांव छू रहे हैं। अब एक और फोटो जारी हुआ है, जिसमें चन्नी आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक में भाग लेने के लिए सरकारी हेलीकाप्टर से दिल्ली जा रहे थे। वहां उनके स्पेशल प्रिंसिपल सेक्रेटरी राहुल तिवारी भी उनके साथ थे और वह फाइलें निकलवा रहे थे। मुख्यमंत्री चन्नी का फोटो भी ऐसे वायरल किया जा रहा है, जैसा प्रधानमंत्री का किया गया था।

दमदार उम्मीदवार की दरकार

आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं में इन दिनों काफी छटपटाहट है। कारण साफ है कि पंजाब में आम विधानसभा चुनाव होने को अब मात्र पांच महीने ही बचे हैं। आप नेताओं को समझ में ही नहीं आ रहा है, किसकी लीडरशिप में उन्हें मैदान-ए-जंग में उतरना है। पार्टी प्रधान व सांसद भगवंत मान खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करवाने के लिए जोर लगवा रहे हैं। इसके लिए विधानसभा हलकों में वह अपने वालंटियरों द्वारा रैलियां करवाकर भी शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन पार्टी हाईकमान ध्यान नहीं दे रहा है। उनसे नाराज पार्टी के विधायक भी मानते हैं कि भगवंत मान भीड़ जुटाने और उसे वोट में बदलने का माद्दा रखते हैं। पार्टी के एक सीनियर विधायक ने कहा कि हमने कई बार अरविंद केजरीवाल से इस संबंध में बात की है। हर बार उनका सिर्फ एक ही उत्तर होता है कि हम पंजाब की आन, बान और शान वाला दमदार उम्मीदवार देंगे।

यह तो जुबानी हुक्म है...

जबसे कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री दफ्तर में उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का भी दफ्तर बनाया गया है, तबसे साढ़े चार साल से पसरा हुआ सन्नाटा अचानक एक बड़ी भीड़ में बदल गया है। मुख्यमंत्री दफ्तर में सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो जाता है और दिन भर यह सिलसिला चलता रहता है। इस कारण मुख्यमंत्री दफ्तर की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को भारी दिक्कत आ रही है। हर कोई किसी न किसी विधायक व मंत्री की सिफारिश करवाकर मिलने पहुंच जाता है। कारिडोर से गुजरते समय ऐसा लगता है कि जैसे लोग रैली में जा रहे हों। इसका सबसे बड़ा खामियाजा मीडिया से जुड़े लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उनके लिए हर रोज ही नए-नए मौखिक फरमान जारी हो रहे हैं। अगर कोई मीडिया कर्मी आर्डर दिखाने को कहता है तो कर्मचारी कहते हैैं कि यह तो सिर्फ जुबानी हुक्म है।

संघवाद के पक्षधर बड़े बादल

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का संघवाद पसंदीदा विषय रहा है। वह शुरू से ही संघवाद के पक्षधर रहे हैं। जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वह इस पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर देते हैं। उनके मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय टैक्सों में राज्यों का हिस्सा 32 फीसद से बढ़ाकर 40 किया था तो उन्होंने बयान दिया कि यह फैसला कोई मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बना व्यक्ति ही कर सकता है। जब वैट की जगह जीएसटी को लागू करने की बारी आई थी, तब उनके भतीजे मनप्रीत बादल ने इसका खूब पक्ष लिया। जैसे ही जीएसटी कलेक्शन वैट से भी नीचे चली गई तो उन्होंने इसकी मुखालफत शुरू कर दी । अब बीएसएफ का दायरा 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया गया है। बादल साहब का संघवाद प्रेम फिर जाग उठा है। उन्होंने सभी से मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लडऩे की सलाह तक दे डाली है।

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