इंटरनेशनल मास्टर एथलीट मान कौर की तबीयत फिर बिगड़ी, पेट दर्द बढ़ने से खाना खाने में हो रही परेशानी
105 साल की इंटरनेशनल मास्टर एथलीट के चाहने वालों को यह खबर थोड़ा परेशान कर सकती है। डेराबस्सी स्थित शुद्धि आयुर्वेद अस्पताल में भर्ती मान कौर की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है। उन्हें फिर से शरीर और पेट दर्द की शिकायत हुई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दुनियाभर में देश का नाम रोशन करने वाली 105 वर्षीय इंटरनेशनल मास्टर एथलीट मान कौर की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है। मान कौर गॉल ब्लैडर कैंसर से जुझ रही हैं और वह डेराबस्सी स्थित अस्पताल में उपचाराधीन हैं। मान कौर के बेटे गुरदेव सिंह ने बताया कि मान कौर को एक बार फिर खाने पीने में दिक्कत हो रही है। हालांकि पहले नेचुरल थैरेपी से उन्हें काफी आराम मिला है, अब पहले की तरह उन्हें शरीर व पेट में दर्द की शिकायत हो रही है। बीमारी में पूरी डाइट नहीं ले पाने की वजह से वह काफी कमजोरी हो गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय मास्टर एथलीट के प्रशंसकों और उनके चाहने वालों को जब उनके बीमार होने के बारे में पता चला तो वह उनके जल्द ठीक होने की कामना करने लगे हैं। कई समाजसेवी संस्थाएं और लोग उनके इलाज खर्च के लिए आगे आए हैं। ऐसे में एक बार फिर मान कौर की तबीयत बिगड़ जाने की सूचना के बाद उनके जल्द ठीक होने के लिए दुआओं का कामनाओं का दौर जारी है।
बता दें डेराबस्सी के शुद्धि आयुर्वेदा पंचकर्मा अस्पताल में मान कौर का इलाज आचार्य मुनीष की देखरेख में हो रहा है। मान कौर की उम्र 105 साल से भी ज्यादा है, जिस वजह से उन्हें रिकवर करने में समय लग रहा है। फरवरी में पीजीआइ चंडीगढ़ में उन्हें कैंसर होने की पुष्टि हुई थी। उम्र ज्यादा होने की वजह से डॉक्टरों ने उनकी कीमोथैरेपी करने से मना कर दिया था, जिसके बाद अब नेचुरल थैरेपी से उनका इलाज किया जा रहा है।
मास्टर एथलीट मान कौर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 35 मेडल जीत चुकी है। कोविड-19 से पहले तक लगातार मेडल जीतकर वह तिरंगे की शान बढ़ाती रही हैं। मान कौर की उपलब्ध्यिों को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2019 में उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था। राष्ट्रपति भवन में सम्मान लेने के लिए मान कौर जिस फुर्ती से स्टेज पर पहुंची थी, उसे देखकर राष्ट्रपति भी चकित रह गए थे। वहीं, प्रधानमंत्री आवास पर एक मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी उनके आगे दोनों हाथ जोड़कर खड़े हो गए थे। इसके अलावा वह देश दुनिया के एथलीटस के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।