खुद को पूर्व रेलमंत्री का भतीजा बताकर एनआरआइ से डेढ़ करोड़ की ठगी

सेक्टर-20 थाने की पुलिस ने एक एनआरआइ की शिकायत पर रचित बंसल नामक व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:22 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:22 PM (IST)
खुद को पूर्व रेलमंत्री का भतीजा बताकर एनआरआइ से डेढ़ करोड़ की ठगी
खुद को पूर्व रेलमंत्री का भतीजा बताकर एनआरआइ से डेढ़ करोड़ की ठगी

जासं, पंचकूला : सेक्टर-20 थाने की पुलिस ने एक एनआरआइ की शिकायत पर रचित बंसल नामक व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। शिकायत के मुताबिक आरोपित ने 25 करोड़ की ओवरड्राफ्ट सुविधा दिलाने के नाम पर शिकायतकर्ता से डेढ़ करोड़ रुपये और मर्सिडीज कार ली। रकम और मर्सिडीज कार देने के बाद से आरोपित न शिकायतकर्ता से मिलने आया और फोन पर बात करना भी बंद कर दिया। उधर, पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल के पुत्र मनीष बंसल कर करना है कि रचित बंसल नाम का उनका कोई रिश्तेदार नहीं है। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करे। वह भी उसके खिलाफ शिकायत करेंगे।

पुलिस को दी शिकायत में रंजेय त्रेहन ने बताया है कि वह एक एनआरआइ है और यूके का निवासी है। उसके पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। त्रेहन ने वर्ष 2009 में भारत आना शुरू किया। उन्होंने शिमला में एक होटल व्यवसाय शुरू करने का मन बनाया था और शिमला में भूमि खरीदने के लिए विभिन्न विक्रेताओं के साथ समझौता किया। कारोबार शुरू करने के लिए उन्हें एक बैंक से 25 करोड़ रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा की आवश्यकता थी, लेकिन एनआरआइ होने के कारण उन्हें इतनी बड़ी रकम की ओवरड्राफ्ट सुविधा नहीं मिल पा रही थी। इसके लिए उन्हें तकनीकी औपचारिकताओं को पूरा करने के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी। इस दौरान रंजेय त्रेहन को उनके दोस्त दीपक सिगारी और अरुण ने रचित बंसल से मिलवाया। उनकी पहली मुलाकात सेक्टर-20 पंचकूला में हुई। रचित बंसल ने बताया कि उसके कई बड़े नेताओं से अच्छे संबंध हैं। उसने खुद को पूर्व रेलमंत्री का भतीजा बताया। साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ भी अपने संबंध गिनाए इसके अलावा उसने हिमाचल के कई एसएसपी रैंक के अधिकारियों और न्यायाधीशों के साथ सीधे संपर्क होने की भी बात भी कही थी।

रंजेय के मुताबिक रचित बंसल ने बताया कि उनके असली मामा शिमला में एचपी कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष हैं और वह आसानी से बैंक से उनके लिए ओवरड्राफ्ट सुविधा उपलब्ध करवा सकता है।

विश्वास होने के चलते रंजेय ने ओवरड्राफ्ट सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए रचित बंसल को अपने वित्तीय सलाहकार और योजक के रूप में शामिल कर लिया। रचित बंसल ने उन्हें कहा कि वह अपनी फीस के रूप में ओवरड्राफ्ट सुविधा का सात प्रतिशत हिस्सा लेगा और खर्च के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये की राशि अलग से ली जाएगी। उन्होंने कहा कि वह नकदी के रूप में सारी राशि लेंगे। इसके लिए रचित बंसल ने रंजेय की विभिन्न पहचान प्रमाण पत्रों की प्रतियां एवं पासपोर्ट की कॉपी भी ली और विश्वास दिलाया कि ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ जल्द मिल जाएगा। गारंटी के तौर पर रचित बंसल ने रंजेय के कांसल गांव में पड़े दो प्लॉटों को भी रखा। त्रेहन के मुताबिक इन सभी बैठकों के दौरान दीपक सिगारी भी हमेशा मौजूद रहता था और उसने मुझे कहा था कि रचित बंसल पर संदेह नहीं किया जा सकता और वह एक भरोसेमंद व्यक्ति है।

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