पीयू कैंपस में अफसरों के घर चकाचक, कर्मचारी जर्जर मकान में रहने को मजबूर, छत से टपकता है बारिश का पानी

पंजाब यूनिवíसटी में अधिकारी अपने काम के प्रति कितने लापरवाह हैं इस बात की गवाही पीयू कैंपस के ब्लॉक ए के जर्जर मकान दे रहे हैं। कैंपस की सभी बिल्डिंग की मैंटेनेंस की जिम्मेदारी कंस्ट्रशन विभाग की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 04:18 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 04:18 PM (IST)
पीयू कैंपस में अफसरों के घर चकाचक, कर्मचारी जर्जर मकान में रहने को मजबूर, छत से टपकता है बारिश का पानी
पीयू कैंपस में अफसरों के घर चकाचक, कर्मचारी जर्जर मकान में रहने को मजबूर, छत से टपकता है बारिश का पानी

वैभव शर्मा, चंडीगढ़ पंजाब यूनिवíसटी में अधिकारी अपने काम के प्रति कितने लापरवाह हैं, इस बात की गवाही पीयू कैंपस के ब्लॉक ए के जर्जर मकान दे रहे हैं। कैंपस की सभी बिल्डिंग की मैंटेनेंस की जिम्मेदारी कंस्ट्रशन विभाग की है। पीयू के अधिकारी आरके राय कंस्ट्रक्शन ऑफिस के हेड हैं। विभाग के पास हॉस्टल से लेकर विभाग और रेजिडेंशियल से लेकर स्पो‌र्ट्स ग्राउंड तक की देखरेख का जिम्मा भी है। कंस्ट्रक्शन ऑफिस की लापरवाही का आलम यह है कि उनके पास न जाने कितने ही प्रोजेक्ट पेंडिंग पड़े हैं और इमारतों की मैंटेनेंस न के बराबर हो रही है। लेकिन विभाग की अनदेखी के कारण यह मकान जर्जर होते जा रहे हैं।

कंस्ट्रक्शन ऑफिस की ओर से सीनियर अधिकारियों और प्रोफेसर को खुश रखा जा रहा है। पीयू के आला अधिकारियों के घरों का तो अंदर और बाहर दोनों तरह से ख्याल रखा जा रहा है और कर्मचारियों के मकानों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

मैंटेनेंस के अभाव में जर्जर हो रहे मकान नियमों के अनुसार कैंपस में जो भी मकान बने हैं उनकी देखरेख कंट्रक्शन ऑफिस करता है। अगर उस घर में कोई अतिरिक्त काम या फिर अतिरिक्त कुछ भी बना हो तो उसके रखरखाव की जिम्मेदारी घर के मालिक की होगी। लेकिन कंस्ट्रक्शन ऑफिस की ओर से अपने काम सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। विभाग की लापरवाही से कर्मचारियों में रोष ब्लॉक ए में रहने वाले कर्मचारियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन ऑफिस की ओर से इस ब्लॉक की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ब्लॉक ए में मकान नंबर 81 से आगे भी घर हैं उनका ख्याल पूरी तरह से रखा जा रहा है। क्योंकि वहा पर एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के खास कर्मचारी रहते हैं। वहीं मकान नंबर एक से शुरू होने वाले मकानों की मरम्मत हुए कई वर्ष बीत चुके हैं। कर्मचारी अपने खर्चे पर ही घरों की मरम्मत का काम करवा रहे हैं।

बरसात के दिनों में मकान की छतों से टपकता है पानी यूआइईटी में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि हर साल बरसात के मौसम में घरों की छतों से बारिश का पानी टपकता रहता है। घर में सीलन, दीवारों में दरारें जैसे कई समस्या होती हैं। जैसे तैसे करके बचने के लिए अस्थायी रूप से काम करवाया जाता है लेकिन कंस्ट्रक्शन विभाग ने एक बार भी यहा आकर इन मकानों की सुध नहीं ली।

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