शिक्षकों ने घेरा शिक्षा सचिव का दफ्तर, सात टीचर पेट्रोल से भरी बोतल लेकर छत पर चढ़े, एक ने निगला जहर

शिक्षकों के पांच जत्थेबंदियों के आह्वान पर अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बुधवार को यहां पहुंचे सैकड़ों अध्यापकों ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने फेज-8 में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में स्थित शिक्षा सचिव का कार्यालय घेर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:27 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:27 PM (IST)
शिक्षकों ने घेरा शिक्षा सचिव का दफ्तर, सात टीचर पेट्रोल से भरी बोतल लेकर छत पर चढ़े, एक ने निगला जहर
शिक्षकों ने घेरा शिक्षा सचिव का दफ्तर, सात टीचर पेट्रोल से भरी बोतल लेकर छत पर चढ़े, एक ने निगला जहर

रोहित कुमार, मोहाली

शिक्षकों के पांच जत्थेबंदियों के आह्वान पर अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बुधवार को यहां पहुंचे सैकड़ों अध्यापकों ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने फेज-8 में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में स्थित शिक्षा सचिव का कार्यालय घेर लिया। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब सरकार, शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए।

शिक्षकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि वे पुलिस का घेरा तोड़ शिक्षा सचिव के सातवीं मंजिल पर स्थित कार्यालय तक पहुंच गए। कई शिक्षक सचिव के कमरे के बाहर धरने पर बैठे। वहीं सात शिक्षक पेट्रोल से भरी बोतल लेकर इमारत की छत पर चढ़ गए। शिक्षकों ने कहा कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती प्रदर्शन जारी रहेगा। न तो शिक्षा सचिव के कार्यालय से किसी को बाहर आने दिया जाएगा और न ही अंदर। पुलिस ने छत पर चढ़े शिक्षकों को नीचे उतारने की कोशिश की, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। इसी बीच प्रदर्शन में शामिल मलोट निवासी शिक्षिका रूपिदर कौर ने मौके पर ही जहरीला पदार्थ निगल लिया। उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। 2015 में कैप्टन ने इसी दफ्तर में बोला था- तुहाडीं तनखा मेरे नौकर तो भी घट

प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि साल 2015 में पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की इमारत के बाहर मौजूदा रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह ने बोला था कि तुहाडीं तनखा मेरे नौकर तो भी घट। मुझे वोट दो मुख्यमंत्री बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में पक्का करने के साथ ही वेतन बढ़ा दूंगा। लेकिन पांच साल बीतने को आए तेरह हजार अध्यापकों की आज तक मांग पूरी नहीं हुई। मगर अब लड़ाई आरपार की है। जब तक बात नहीं सुनी जाएगी प्रदर्शन जारी रहेगा। ये हैं मांगें

- अस्थायी शिक्षकों को नौकरी में पक्का किया जाए।

- जो वेतन भत्ते रुके हैं, उन्हें जारी किए जाए। याद दिलाया घर-घर नौकरी का वादा

शिक्षकों ने सरकार को घर-घर नौकरी का वादा याद दिलाया। कहा कि सरकार युवाओं को नौकरी क्या देगी, जिनके पास नौकरी है उनकी मांग ही पूरी नहीं कर पा रही है। महंगाई के इस दौर में अलग अलग कैटेगरी के अध्यापकों को 3500 से 8500 रुपये वेतन दिया जाता है। इसमें गुजारा संभव नहीं। पटियाला में शिक्षा मंत्री व कैप्टन अमरिदर सिंह के खिलाफ अगर प्रदर्शन किया जाए तो लाठियां बरसाई जाती है। लेकिन अब अध्यापक इससे डरने वाले नहीं हैं। वीडियो कॉल के जरिये बात करने से किया इन्कार

अध्यापकों ने प्रदर्शन के दौरान वीडियो कॉल के जरिये कैप्टन संदीप संधू से बातचीत करने से इन्कार कर दिया। साथ ही मोहाली प्रशासन को इस मामले से दूर रहने की नसीहत दे डाली। अध्यापकों की मांग है कि शिक्षा मंत्री या मुख्यमंत्री आकर उनसे मिलें। जब तक वह नहीं आएंगे प्रदर्शनकारी वहीं बैठे रहेंगे।

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