इमीग्रेशन फ्राड करने वाले देविंद्र गिल की जमानत याचिका खारिज, बोला- जेल में सफाई नहीं, दी जाए जमानत

सीबीआइ के सरकारी वकील पीके डोगरा ने दलील दी कि आरोपित पर न केवल बच्चों से करोड़ों रुपये ठगने बल्कि भ्रष्टाचार के मामले में भी उस पर केस चल रहा है। अगर उसे जमानत दी गई तो वह विदेश भाग सकता है और गवाहों को धमका भी सकता है

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 01:09 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 01:09 PM (IST)
इमीग्रेशन फ्राड करने वाले देविंद्र गिल की जमानत याचिका खारिज, बोला- जेल में सफाई नहीं, दी जाए जमानत
गिल की पत्नी क्रिस्पी खैहरा भी मामले में आरोपित है, लेकिन वह अभी फरार है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। विदेश भेजने के नाम पर पंजाब हरियाणा समेत अन्य राज्यों के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले आरोपित देविंद्र सिंह गिल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भ्रष्टाचार के एक और मामले में आराेपित गिल ने जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में गिल ने मॉडल जेल में हालात को आधार बना कर जमानत मांगी थी। याचिका में कहा गया कि जेल में साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और न ही यहां पर स्वास्थ्य समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस प्रबंध हैं। ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए।

सीबीआइ के सरकारी वकील पीके डोगरा ने दलील दी कि आरोपित पर न केवल बच्चों से करोड़ों रुपये ठगने बल्कि भ्रष्टाचार के मामले में भी उस पर केस चल रहा है। इन हालातों में अगर उसे जमानत दी गई तो वह विदेश भाग सकता है और गवाहों को धमका भी सकता है। इसके अलावा गिल के दोनों केसों में अभी पुलिस जांच चल रही है और जेल में साफ सफाई का प्रबंध दुरुस्त हैं, यह सिर्फ कोर्ट को गुमराह करने के लिए बात कही जा रही है। दलील सुनने के बाद सीबीआइ जज जगजीत सिंह ने आरोपित गिल की जमानत याचिका खारिज कर जेल सुपरिंटेंडेंट को प्रोडेक्शन वारंट जारी किया कि वह आरोपित गिल को दो नवंबर को कोर्ट में पेश होने का प्रबंध करें। वहीं, गिल की पत्नी क्रिस्पी खैहरा भी मामले में आरोपित है, लेकिन वह अभी फरार है।

स्टेटमेंट होगी दर्ज

दो नवंबर को कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपित देविंद्र सिंह गिल की स्टेटमेंट भी दर्ज होगी। आरोपित की स्टेटमेंट आइपीसी की धारा 120 और करप्शन एक्ट 8 के तहत दर्ज होगी। इस समय देविंद्र मॉर्डन जेल बुड़ैल में विदेश भेजने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में बंद है। जज ने कहा कि आरोपित के खिलाफ अभी एक धोखाधड़ी का केस चल रहा है और भ्रष्टाचार के एक मामले में उस पर जिला अदालत में केस चल रहा है, ऐसे में आरोपित को जमानत नहीं दी जा सकती है। दो नवंबर को आरोपित गिल की सीआरपीसी की धारा 313 के तहत स्टेटमेंट दर्ज की जाएगी।

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