पंजाब की ओर रेलयात्रा करनी है ताे चेक कर लें, किसान फिर रोकेंगे ट्रेनें, अमृतसर में छह दिनों से ट्रैक पर

पंजाब में केंंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन थम नहीें रहा है। राज्‍य में किसान 1 अक्‍टूबर से एक बार फिर रेल ट्रैकों पर कब्‍जा करेंगे और ट्रेनों का आवागमन रोकेंगे। इसके साथ ही किसान निजी कंपनियों के अनाज भंडार और स्‍टोरों का घेराव करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 10:33 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 01:19 PM (IST)
पंजाब की ओर रेलयात्रा करनी है ताे चेक कर लें, किसान फिर रोकेंगे ट्रेनें, अमृतसर में छह दिनों से ट्रैक पर
पंजाब में रेल ट्रैक पर धरना देते किसान संगठनों के सदस्‍य।

चंडीगढ़/संगरूर, जेएनएन/एएनआइ। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों का आंदोलन थम नहीं रहा है। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान एक बार फिर राज्‍य मेंं ट्रेनों काे रोकेंगे। राज्‍य में किसान 1 से 5 अक्‍टूबर तक रेल ट्रैकों पर कब्‍जा करेंगे। इससे लोगों की परेशानी फिर बढ़ेगी। किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि प्राइवेट कंपनियों के अनाज भंडार, पेट्रोल पंप, वॉलमार्ट, मेट्रो स्टोर, टोल प्लाजा व नेताओं की कोठियों का घेराव भी किया जाएगा। दूसरी ओर, अमृत‍सर में किसान मजदूर संघर्ष समिति का रेल रोको आंदाेलन आज छठे दिन में प्रवेश कर गया।

अमृतसर के देवीदासपुरा गांव के पास किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्‍य 26 सितंबर से रेल ट्रैक पर धरना दे रहे हैं। मंगलवार को उनके रेल ट्रैक पर मोर्चा संभाले हुए छह दिन हाे गया। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव ने कहा कि 1 अक्‍टूबर को देशभर में आंदोलन करेंगे। देवीदासपुरा गांव में रेल रोको आंदोलन के छठे दिन किसान काले कपड़े पहनकर रेल ट्रैक पर बैठे।

अमृतसर के देवीदासपुरा गांव में रेल ट्रैक पर धरना दे रहे किसान।

प्राइवेट कंपनियों के अनाज भंडार, पेट्रोल पंप, वॉलमार्ट, मेट्रो स्टोर व टोल प्लाजा का भी करेंगे घेराव

किसानों के आंदोलन के कारण रेलवे और पंजाब सरकार को अब तक करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो चुका है। सिर्फ मोगा और अमृतसर में ही तीन दिन में छह करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था। 25 सितंबर को पंजाब बंद के दौरान नेशनल हाईवे जाम करने से लोगों को बहुत मुसीबतें उठानी पड़ीं थीं। कई जगह मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस धरनों में फंस गई थीं। पंजाब में ट्रेनों का आवागमन अभी तक बंद है।

भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने कहा कि 1 अक्‍टूबर से किसान आंदोलन की रूपरेखा क्या होगी और 31 संगठनों में किसकी क्या जिम्मेदारी होगी, इसका फैसला आज राज्यस्तरीय बैठक में होगा। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि तालमेल कमेटी की बैठक में ही तय होगा कि कहां-कहां प्रदर्शन किए जाने हैं। भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि नए कानून के खिलाफ 5 अक्टूबर तक संघर्ष जारी रहेगा।

 किसान संगठनों का तालमेल गड़बड़ाया

एक तरफ भाकियू उगराहां का दावा है कि 31 किसान संगठनों की तालमेल कमेटी से बातचीत करके रेल रोको आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी, जबकि कुछ संगठनों ने पहले ही संगरूर रेलवे स्टेशन पर धरना देने का ऐलान कर दिया। फतेहगढ़ साहिब में भी तीन संगठनों ने अलग से सरहिंद स्टेशन के पास बैठने का ऐलान किया।

स्थिति सामान्य होने पर ही चलाएंगे ट्रेनें:  डीआरएम

दूसरी ओर, रेलवे के फिरोजपुर मंडल के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने कहा कि किसानों के विरोध को देखते हुए ट्रेनों की आवाजाही बंद रखी जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यह कदम उठाया गया है। जब तक राज्य में स्थिति सामान्य नहीं होती, ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी।

यह भी पढ़ें: दो साल पूर्व UPSC परीक्षा व इंटरव्यू पास होने के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं, कैट पहुंची चंडीगढ़ की भव्‍या

यह भी पढ़ें: Punjab Politics:सिद्धू की सियासी हसरत तो हुई पूरी, बड़ा सवाल क्‍या 'गुरु' की भाजपा में होगी वापसी

यह भी पढ़ें: पंजाब में खिसकती जमीन बचाने को शिअद का आखिरी दांव, जानें गठजोड़ तोड़ने का असली कारण


यह भी पढ़ें: मांस से अलग हो गया नाखून.., दर्द दोनों को होगा, शिअद और भाजपा के संबंध के रहे कई आयाम


यह भी पढ़ें: आखिर टूट गया 24 साल पुराना शिअद-भाजपा गठजोड़, SAD क‍ृषि विधेयक के खिलाफ राजग से बाहर

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी