सामान न बदले आनलाइन कंपनी तो डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन का लें सहारा
लॉकडाउन के बाद से लोगों में ऑनलाइन शॉपिग का काफी क्रेज बढ़ गया है। ऑनलाइन कंपनियों की ओर से भेजे जा रहे सामान की क्वालिटी सही न होने की शिकायत भी आ रही है। वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता कुछ सामान मंगाते है और उन्हें कुछ ओर सामान दिया जा रहा है।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़
लॉकडाउन के बाद से लोगों में ऑनलाइन शॉपिग का काफी क्रेज बढ़ गया है। ऑनलाइन कंपनियों की ओर से भेजे जा रहे सामान की क्वालिटी सही न होने की शिकायत भी आ रही है। वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता कुछ सामान मंगाते है और उन्हें कुछ ओर सामान दिया जा रहा है। हालांकि ऐसा हर केस में नहीं हो रहा है लेकिन ऑनलाइन शॉपिग कंपनियों के खिलाफ ऐसे कई शिकायतें डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन में आई है और उन कंपनियों पर विभिन्न हर्जाने भी लगे हैं। हमेशा ऑनलाइन खरीदारी करते हुए कंपनी उपभोक्ताओं को सात दिन में सामान बदलने का समय दिया जाता है लेकिन ज्यादातर केस में ऑनलाइन कंपनियां सामान बदलने और राशि रिफंड करने से मना कर देती है। अगर आप में से भी किसी के साथ ऐसा होता है तो निराश होने की जरूरत नहीं हैं। ऐसा होने पर आप संबंधित कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर कमीशन में ऑनलाइन और लिखित में शिकायत दे सकते है।
वे मामले जिनपर कमीशन ने की कार्रवाई
-वर्ष 2020 में फ्लिपकार्ट से सेक्टर-27 के रहने वाले मनोज ने एमआइ नोट4 मंगवाया था और तीन दिन बाद ही खराबी आ गई जिसे कंपनी ने बदलने से मना कर दिया था। इस मामले में कमीशन ने सात हजार रुपये हर्जाना लगाया था।
-वर्ष 2019 में अमेजन कंपनी के खिलाफ सेक्टर-35 के रहने वाली स्मृति ने चॉकलेट की खराब क्वालिटी दी गई थी। कमीशन ने कंपनी पर चॉकलेट की पूरी राशि और पांच हजार रुपये हर्जाना लगाया था।
-वर्ष 2019 में शॉप क्लूज के खिलाफ मोहाली निवासी ने शिकायत दी थी, शिकायतकर्ता ने कंपनी से कपड़े मंगवाएं थे और वो डिफेक्टिव निकले थे। इस मामले में कपड़े की पूरी राशि और दस हजार रुपये हर्जाना लगाया था।
-वर्ष 2019 में सैमसंग के खिलाफ गांव रायपुर खुर्द के अश्वनी ने शिकायत दी थी, जहां कंपनी ने मोबाइल को बदलने से मना किया था। इस मामले में मोबाइल बदलने के साथ कमीशन ने 15 हजार रुपये हर्जाना लगाया था।
-वर्ष 2021 में स्नैपडील के खिलाफ मनीमाजरा के रहने वाले राजेश ने शिकायत दी थी, जहां कंपनी ने उन्हें एसजेकैम एसजे-4000 एक्शन कैमरा की जगह चाइनीज कैमरा दे दिया था। इस मामले में कमीशन ने कंपनी पर 6 हजार रुपए हर्जाना लगाया है।
अब कंपनियों के खिलाफ भी कर सकते हैं शिकायत
केन्द्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट में बदलाव कर उसे जुलाई से ही लागू कर दिया है। इस एक्ट के तहत उपभोक्ताओं को 6 अहम अधिकार दिए हैं। इसकी बदौलत अगर कोई उत्पादक या सेलर किसी उपभोक्ता के साथ फ्रॉड या जालसाजी करता है तो उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वो कंपनी से मुआवजे की मांग कर सकता है। उसके अलावा उपभोक्ता कोर्ट भी जा सकता है। कोर्ट ऐसे मैन्युफैक्चरर या सेलर पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगा सकता है और 6 महीने तक की जेल की सजा भी दे सकता है।