अगर अपनाएंगे ये टिप्स तो नहीं होगी Sports Injury, खेल में दिखा सकते हैं कमाल

डॉ. राशि शर्मा ने बताया स्पोर्ट्स इंजरी होने के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर स्पोर्ट्स इंजरी साइंटिफिक ट्रेनिंग नहीं होने की वजह से होती है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 11:26 AM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 02:59 PM (IST)
अगर अपनाएंगे ये टिप्स तो नहीं होगी Sports Injury, खेल में दिखा सकते हैं कमाल
अगर अपनाएंगे ये टिप्स तो नहीं होगी Sports Injury, खेल में दिखा सकते हैं कमाल

चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। शहर के बैडमिंटन खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचिंग देने के मकसद से चंडीगढ़ बैडमिंटन एसोसिएशन ने यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के सहयोग से सात दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। सेक्टर-38 वेस्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आयोजित इस वर्कशॉप में खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स साइकोलॉजी, न्यूट्रिशन और इंजरी प्रिवेंशन से संबंधित जानकारी दी गई।

वर्कशॉप में डॉ. राशि शर्मा ने खिलाड़ियों को हफ्ताभर सुबह -शाम खेल से जुड़ी शरीरिक व मानसिक दिक्कतों से जुड़ी दिक्कतों के बाबत स्पेशल ट्रेनिंग दी। इस दौरान खिलाड़ियों के परिजनों को भी स्वस्थ डाइट संबंधित जानकारी दी। डॉ. राशि मसक्यूलोस्केलेटल फिजिकल थरेपी की विशेषज्ञ हैं। दैनिक जागरण से खास बातचीत में डॉ. राशि ने खिलाड़ियों को आने वाली दिक्कतों और इनसे बचने की तमाम जानकारी दी। 

सेक्टर-38 वेस्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आयोजित वर्कशॉप में खिलाड़ियों को योगा सिखातीं डॉ. राशि शर्मा।

वार्मअप को हल्के में न लें खिलाड़ी 

डॉ. राशि शर्मा ने बताया स्पोर्ट्स इंजरी होने के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर स्पोर्ट्स इंजरी साइंटिफिक ट्रेनिंग नहीं होने की वजह से होती है। उदाहरण के तौर पर आप वार्मअप को ही ले लीजिए, ज्यादातर खिलाड़ी वार्मअप को बहुत हल्के में लेते हैं, वह 10 से 15 मिनट में वार्मअप करके खेलने के लिए मैदान में उतर जाते हैं, जबकि आपको वार्मअप के लिए कम से कम 45 मिनट चाहिए होते हैं, सबसे पहले आपको अपनी हार्ट बीट्स को बढ़ाना होता है, ताकि मसल में खून की सप्लाई बढ़ जाए, फिर सही ढंग से स्ट्रेचिंग और ज्वाइंट सेंस एक्सरसाइज करनी होती है। अक्सर खिलाड़ी खेल से जुड़ी टेक्नीकल स्किल को सीखने पर ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन जब बड़े टूर्नामेंट होते हैं तो खिलाड़ियों को मनमुताबिक रिजल्ट नहीं मिल सकते हैं। 

सेक्टर-38 वेस्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आयोजित वर्कशॉप में खिलाड़ियों को टिप्स देतीं डॉ. राशि शर्मा।

वार्म अप, कूल डॉउन और मिसाज से बड़ा फायदा 

डॉ. राशि ने बताया कि रैकिट स्पोर्ट्स के ज्यादा इंजरी के केस आते हैं। बैडमिंटन और टेनिस के खिलाड़ी ज्यादा चोटिल होते हैं। खिलाड़ी अगर स्पोर्ट्स इंजरी से बचना चाहते हैं तो खिलाड़ी को मैदान में उतरने से पहले पूरी तरह से वार्म अप करना चाहिए, खेल के बाद कूल डॉउन करना भी बेहद जरूरी है। खिलाड़ी अक्सर प्रैक्टिस कर कूल डॉउन पर ध्यान नहीं देते हैं, यह गलत है हमें कूल डॉउन के लिए खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के बाद उन मसल की हल्की -हल्की मिसाज करनी चाहिए, जिन पर खेल के दौरान ज्यादा दबाव पड़ता है। इसके  मिसाज भी बेहद जरूरी है। अक्सर खिलाड़ियों की दिक्कत यह होती है कि वह शुरूआत में कोई नहीं ध्यान नहीं देते हैं, या कहें उन्हें समझ नहीं होती, इससे मसल कमजोर हो जाते हैं। जब दिक्कत बढ़ जाती है तो खिलाड़ियों को महीनों अाराम करना पड़ता है, जिससे उनके खेल पर असर पड़ता है। 

सेक्टर-38 वेस्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आयोजित वर्कशॉप में ट्रेनिंग देतीं डॉ. राशि शर्मा।

अच्छी डाइट और मेंटल ट्रेनिंग की भी जरूरी   

डॉ. राशि शर्मा ने बताया कि जब हम खेल की कोचिंग ले रहे होते हैं तो हमें 95 फीसदी टेक्निकल स्किल की जरूरत है, जबकि बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के दौरान हमें 95 फीसदी मेंटल ट्रेनिंग की जरूरत होती है। अक्सर ज्यादातर खिलाड़ियों की शिकायत होती है कि मैच में जब दूसरा खिलाड़ी ज्यादा प्वाइंट लेता है तो हम खेल नहीं पाते और मैच हार जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें मेंटल स्ट्रेंथनिंग की जरूरत होती है, और यह हमें मेडिटेशन, नियमित प्रैक्टिस और अच्छी डाइट से मिलती है। 

बच्चे और खिलाड़ी फॉस्टफूड से करें परहेज 

इसी वर्कशाप में खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए पहुंचे यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर तेजदीप सैनी ने कहा कि खिलाड़ी जितना ज्यादा पसीना निकालेंगे उनका खेल उतना ही अच्छा होगा। उन्होंने खिलाड़ियों को फॉस्टफूड से परहेज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी सिर्फ हरी सब्जियां और घर में बना हुआ खाना ही खाएं।

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