विरोध के बाद अब वीरवार को फिजिकल होगी निगम की सदन बैठक, इन मद्दों पर हंगामे के आसार

कोरोना के कारण फरवरी माह के बाद से अब तक वर्चुअल सदन की बैठक हुई। ऐसे में अब होने वाली फिजिकल सदन की बैठक में जमकर राजनीति होगी इस बैठक में पार्षद अधिकारियों को घेरेंगे। ऐसे में हंगामा होने के पूरे आसार हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 01:44 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 01:44 PM (IST)
विरोध के बाद अब वीरवार को फिजिकल होगी निगम की सदन बैठक, इन मद्दों पर हंगामे के आसार
निगम की सदन बैठक में चर्चा के लिए 14 प्रस्ताव आ रहे हैं। (जागरण)

चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम की वीरवार को फिजिकल सदन की बैठक काफी लंबे समय बाद हो रही है। इससे पहले फरवरी माह में फिजिकल सदन की बैठक हुई थी। कोरोना के कारण वर्चुअल सदन की बैठक हुई। ऐसे में अब होने वाली फिजिकल सदन की बैठक में जमकर राजनीति होगी, इस बैठक में पार्षद अधिकारियों को घेरेंगे। इस समय भाजपा पार्षदों ने कमिश्नर सहित अन्य पार्षदों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। जबकि कांग्रेस ने भी भाजपा को घेरने की रणनीति तय की है।

भाजपा और कांग्रेस ने सदन की बैठक के लिए बुधवार शाम को प्री हाउस की बैठक बुलाई है। सदन की बैठक में पानी के बढ़े हुए रेट और सेक्टर-23 के बूथों का किराया कम करने का पार्षद दबाव बनाएंगे। इनका टेंबल एजेंडा लाया जा रहा है। भाजपा की ओर से स्मार्ट घड़ियों का क्या फायदा हुआ है। इसका भी एजेंडा लाया जाएगा। इस समय सफाई कर्मचारी घड़ियों का विरोध कर रहे हैं।

गारबेज कलेक्शन चार्ज लेने का निर्णय

इस बैठक में 13 गांव और बाजारों से एक नवंबर से गारबेज कलेक्शन चार्ज लगाने का भी फैसला लिया जाएगा जहां से अभी तक नगर निगम निशुल्क गारबेज इकट्ठा कर रही थी इससे नगर निगम को 90 लाख रुपये की कमाई होगी। यह राशि पानी के बिल में जुड़कर आएगी।

शहर के विकास के लिए कुछ नहीं

इस बैठक में चर्चा के लिए 14 प्रस्ताव आ रहे हैं। लेकिन एक भी एजेंडा शहर के विकास से संबंधित नहीं है। कोरोना काल में मार्च माह से अब तक सभी बैठक वर्चुअल हुई है। इस दौरान एक भी प्रस्ताव विकास का पास नहीं हुआ। नगर निगम में इस समय वित्तीय संकट होने के कारण शहर के सभी काम ठप्प है।पिछले माह मेयर को कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सदन की बैठक भी नहीं हो पाई। 20 अक्तूबर को हुई सदन की बैठक भाजपा पार्षदों के बहिष्कार के कारण स्थगित हो गई थी।

कमिश्नर नहीं है तैयार

इस समय भाजपा पार्षद भी रेट्स कम करने की मांग कर रहे हैं लेकिन कमिश्नर सहित अधिकारी इसके लिए तैयार नहीं है। वाटर सप्लाई कमेटी के चेयरमैन अनिल दूबे ने अधिकारियों को रेट रिवाइज करने का प्रस्ताव लाने के लिए कहा था लेकिन अधिकारियों ने इसके लिए मना कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि जो पानी के रेट बढ़ाए गए हैं उससे सिर्फ 40 करोड़ का घाटा ही पूरा होगा जबकि अभी भी 50 करोड़ रुपये का घाटा है। इस सदन की बैठक में 13 गांव और बाजारों के दुकानदारों से गारबेज कलेक्शन चार्जेस लेने का प्रस्ताव पास होने के लिए आ रहा है।

बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन करने पर भी होगी चर्चा

नगर निगम की वीरवार को हाेने वाली सदन की बैठक में गांव की इमारतों के बिल्डिंग बायलाज में संशोधन करने का प्रस्ताव आ रहा है। जिससे सबसे बड़ा बदलाव मकानों की ऊंचाई 34 फुट से बढ़ाने की सिफारिश शामिल है। ऐसा होने से जिन इमारतों की ऊंचाई इस समय 34 फीट से ऊपर है उन्हें अवैध नहीं माना जाएगा। इसके साथ ही  इमारतों में बेसमेंट बनाने की मंजूरी देने का भी प्रस्ताव शामिल है। असल में यह प्रस्ताव अवैध को वैध कर देगा लेकिन सदन की मंजरी के बाद प्रशासन की सहमति लेना जरूरी है। प्रशासन की मंजूरी के बाद ही सदन द्वारा पास किए गए प्रस्ताव को पास माना जाएगा।

भाजपा इस प्रस्ताव को पास करके अगले साल होने वाले नगर निगम चुनाव में गांव वालों के वोट बंटोरना चाहती है। शहर में 22 गांव है। पार्षदों के अनुसार मनीमाजरा सहित अन्य गांव में नगर निगम का गठन होने से पहले 100 गज तक के मकानों के नक्शा पास करवाने की जरूरत नहीं थी। पिछले साल प्रशासन ने 13 गांवों को नगर निगम में शामिल कर दिया, जिसके बाद यहां पर भी बिल्डिंग बायलॉज लागू हो गए जबकि जब गांव प्रशासन में थे तब उन पर कोई नियम लागू नहीं होते थे। ऐसे में नगर निगम में शामिल होने से पहले लोगों ने अपने हिसाब से इमारतें बना ली।

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