कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित चंडीगढ़ में होटल-रेस्टोरेंट हो रहे बंद, लाखों रुपये की लीज मनी नहीं दे पाए कारोबारी
कोरोना ने टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। पहली लहर में ही चंडीगढ़ के बहुत से होटल-रेस्टोरेंट बंद हो गए थे। जो लीज पर थे वह लीज मनी नहीं दे पाए। इसके बाद उभरने की कोशिश शुरू हुई तो दूसरी लहर ने बची कसर निकाल दी।
चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी का असर कम होकर अब जिंदगी पटरी पर लौट रही है। अब केवल रविवार को ही पूरी तरह से वीकेंड लॉकडाउन रहता है। बाकी छह दिन काम चल रहे हैं। इस वजह से अब कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हो चुके सेक्टर भी फिर से रफ्तार पकड़ने लगे हैं।
कोरोना ने टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। पहली लहर में ही चंडीगढ़ के बहुत से होटल-रेस्टोरेंट बंद हो गए थे। जो लीज पर थे वह लीज मनी नहीं दे पाए। इसके बाद उभरने की कोशिश शुरू हुई तो दूसरी लहर ने बची कसर निकाल दी। अब फिर पिछले साल जैसे हालात हैं।
हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री सबसे अधिक रोजगार देती है। चंडीगढ़ में 500 से अधिक होटल-रेस्टोरेंट हैं। जिनमें कोरोना से पहले मासिक करोड़ों का कारोबार था। लेकिन कोरोना से काम पूरी तरह ठप रहा। सप्ताह पहले ही शर्तों के साथ रेस्टोरेंट में इन डाइनिंग सुविधा शुरू हुई है। लेकिन अभी भी केवल 50 फीसद क्षमता के साथ ही गेस्ट अटैंड किए जा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि सेक्टर-26, 35 और 43 में 50 से अधिक होटल-रेस्टोरेंट ऐसे हैं जो दूसरी लहर की वजह से बंद हो गए हैं। काम कई महीने बंद रहा जबकि इनकी लीज मनी ही लाखों में है। एक-एक शोरूम का रेंट पांच से 10 लाख रुपये महीना है। अब जब प्रशासन ने इन्हें खोलने की मंजूरी दी है तो प्राॅपर्टी ऑनर और रेस्टोरेंट ऑनर के बीच विवाद शुरू हो गए हैं। यह विवाद अधिकतर लीज मनी को लेकर ही हैं। चंडीगढ़ हॉस्पिटेलिटी एसोसिएशन ऐसी दिक्कतों का मांग पत्र प्रशासन को साैंपेगी। साथ ही प्रशासन से राहत की मांग की जाएगी। प्रशासन के स्तर पर भी टैक्स और लाइसेंस फीस माफ करने की मांग हो रही है।