High Court का चंडीगढ़ प्रशासन को झटका- ट्रिब्यून चौक पर 700 पेड़ों की कटाई पर लगाई राेक Chandigarh News

हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि पर्यावरण एक महत्वपूर्ण मामला है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।

By Edited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 11:00 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 03:09 PM (IST)
High Court का चंडीगढ़ प्रशासन को झटका- ट्रिब्यून चौक पर 700 पेड़ों की कटाई पर लगाई राेक Chandigarh News
High Court का चंडीगढ़ प्रशासन को झटका- ट्रिब्यून चौक पर 700 पेड़ों की कटाई पर लगाई राेक Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने टिब्यून चौक फ्लाईओवर के लिए 700 पेड़ों को काटे जाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यहां फ्लाईओवर की जगह अन्य विकल्प तलाशने को कहा है। इसके साथ ही निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही इसमें अड़चन आ गई है।

कोर्ट ने साफ कहा है कि 700 पेड़ों की बलि नहीं दी जा सकती। चीफ जस्टिस रविशंकर झा व जस्टिस राजीव शर्मा की बेंच ने चंडीगढ़ प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वह शहर में ट्रैफिक की समस्या के निदान के लिए फ्लाईओवर के अलावा किसी अन्य विकल्प की तलाश करे।

 पर्यावरण एक महत्वपूर्ण मामला, पेड़ काटने से पहले ली जाए लोगों की राय

हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि पर्यावरण एक महत्वपूर्ण मामला है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। पेड़ों की कटाई पर रोक लगाते हुए हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए हैं कि वह पहले इसके लिए शहर के आम लोगों से सुझाव मांगे।

इसके लिए प्रशासन एक पब्लिक नोटिस जारी कर सुझाव मंगवा सकता है। मामले में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को भी दखल देने का फरमान हाई कोर्ट ने अब इस मामले में पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों को भी शामिल कर लिया है और दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश दिए हैं कि वह अपने शहरी विकास और राज्य ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रतिनिधियों का चयन करें जो चंडीगढ़ प्रशासक के मुख्य सलाहकार की अध्यक्षता में गठित कमेटी में शामिल किए जाएं।

अपने ही जाल में फंस गया यूटी प्रशासन, कोर्ट में नहीं दे पाया जवाब

हाई कोर्ट में एक गैर सरकारी संगठन द रन क्लब ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि चंडीगढ़ मास्टर प्लान 2031 में शहर में फ्लाईओवर बनाए जाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। ऐसे में किस आधार पर अब ट्रिब्यून चौक के ऊपर से यह फ्लाईओवर बनाया जा रहा है।

इस पर जब हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से जब जवाब मांगा तो प्रशासन कोई ठोस जवाब नहीं दे सका।हाईकोर्ट ने कहा कि जब आपके मास्टर प्लान में फ्लाईओवर का कोई प्रावधान नहीं है तो मास्टर प्लान में बिना संशोधन किए फ्लाईओवर बनाए जाने की इजाजत कैसे दे दी गई।

अदालत ने दैनिक जागरण की पहल पर लगाई मुहर

हाईकोर्ट ने दैनिक जागरण की तरफ से उठाए गए इस मुद्दे पर अपनी मुहर लगाई है। दैनिक जागरण ने बताया था कि ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर बिना किसी प्लानिंग और मास्टर प्लान में प्रावधान न होने के बावजूद बनाया जा रहा है। इससे शहर की ग्रीनरी को नुकसान पहुंचेगा। इससे कोई ट्रैफिक जाम का हल नहीं मिकलेगा। याची ने यह दी दलील मामले में याची का कहना है कि पेड़ शहर के पर्यावरण के लिए बेहद ही जरूरी हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काट कर शहर के पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित किया जा रहा है, जोकि सही नहीं है। लिहाजा इन पेड़ों को काटे जाने पर रोक लगाना बेहद ही जरूरी है।

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